इतिहास और राजनीति >> भारत की एकता का निर्माण भारत की एकता का निर्माणसरदार पटेल
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स्वतंत्रता के ठीक बाद भारत की एकता के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा देश की जनता को एकता के पक्ष में दिये गये भाषण
हमारा मुल्क आज इण्डस्ट्री में बहुत पीछे है। पिछले पाँच-छः साल जो विश्व-युद्ध चला था, उससे हमारी आर्थिक स्थिति में काफी अन्तर आ गया। हमारा मुल्क एक प्रकार से देनदार मुल्क था, लेकिन अब वह लेनदार मुल्क बन गया है। इंग्लैड के पास से हमारा काफी लेना निकलता है। हमारा क्रेडिट (साख) तो आज बहुत है, लेकिन उससे कोई काम की चीज हमारे पास नहीं आती है। लेनदार की हालत होते हुए भी हम देनदार से बुरी हालत में पड़े हैं। आज कोई चीज हमारे पास नहीं है। तो हमें अपनी इण्डस्ट्री बनानी है, उद्योग (व्यवसाय) बनाना है। देश का उद्योग बनाने में हमें आपका साथ चाहिए। एक तो लेबर (श्रम) का साथ चाहिए। आज हमारी लेबर की हालत बहुत बुरी है। मजदूर लोग आज एक ही बात समझते हैं और वह यह कि किसी न किसी तरह से उन्हें हड़ताल करनी है। उन्हें बहकाने वाले लोग समझते हैं कि इससे उनकी लीडरशिप बनी रहती है।
यह बहुत बुरी बात है। हमारे लिए यह सोचने की बात है कि यदि इस तरह से हम काम करते रहेंगे, तो हमारी इण्डस्ट्री तो बढ़ेगी नहीं। तब हमारी लेबर क्या करेगी? उसको क्या मिलेगा? तो वह चीज हमें पहले सोच लेनी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि मजदूरों को जो तनख्वाह मिलनी चाहिए, जो मजदूरी मिलनी चाहिए, वह उन्हें नहीं मिले। ऐसा नहीं। लेकिन उसको क्या मिलना चाहिए, उसके लिए हमें झगड़ा नहीं करना चाहिए, उसके लिए हमें काम नहीं रोकना चाहिए। उसके लिए हमें फ़राखदिली से काम लेना चाहिए। उसके लिए मजदूर वर्ग, मिल-मालिक और गवर्नमेंट तीनों को मिल कर यह फैसला करना चाहिए कि भाई, पंच के पास से इन्साफ़ कराओ और इन्साफ से काम लो। लेकिन इस झगड़े से मुल्क का काम मत बिगाड़ो। आज तो हमारे मुल्क का काम बिगड़ रहा है।
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- वक्तव्य
- कलकत्ता - 3 जनवरी 1948
- लखनऊ - 18 जनवरी 1948
- बम्बई, चौपाटी - 17 जनवरी 1948
- बम्बई, शिवाजी पार्क - 18 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की हत्या के एकदम बाद) - 30 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की शोक-सभा में) - 2 फरवरी 1948
- दिल्ली - 18 फरवरी 1948
- पटियाला - 15 जुलाई 1948
- नई दिल्ली, इम्पीरियल होटल - 3 अक्तूबर 1948
- गुजरात - 12 अक्तूबर 1948
- बम्बई, चौपाटी - 30 अक्तूबर 1948
- नागपुर - 3 नवम्बर 1948
- नागपुर - 4 नवम्बर 1948
- दिल्ली - 20 जनवरी 1949
- इलाहाबाद - 25 नवम्बर 1948
- जयपुर - 17 दिसम्बर 1948
- हैदराबाद - 20 फरवरी 1949
- हैदराबाद (उस्मानिया युनिवर्सिटी) - 21 फरवरी 1949
- मैसूर - 25 फरवरी 1949
- अम्बाला - 5 मार्च 1949
- जयपुर - 30 मार्च 1949
- इन्दौर - 7 मई 1949
- दिल्ली - 31 अक्तूबर 1949
- बम्बई, चौपाटी - 4 जनवरी 1950
- कलकत्ता - 27 जनवरी 1950
- दिल्ली - 29 जनवरी 1950
- हैदराबाद - 7 अक्तूबर 1950