इतिहास और राजनीति >> भारत की एकता का निर्माण भारत की एकता का निर्माणसरदार पटेल
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स्वतंत्रता के ठीक बाद भारत की एकता के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा देश की जनता को एकता के पक्ष में दिये गये भाषण
तो आज लेबर को यह चीज समझानी है कि तुम्हें जितना मिलना चाहिए वह आपको बिना स्ट्राइक (हड़ताल) किए मिल जाना चाहिए। उसका इन्तजाम गवर्नमेंट कर सकती है। यदि यह चीज हो जाए, तभी देश का भला है। अगर ऐसा न हुआ, तो लेबर में जितने काम करनेवाले लोग हैं, इनसे मैं बड़ी अदब से प्रार्थना करता हूँ कि उस सूरत में हिन्दुस्तान तो पीछे रह जाएगा, वह आगे नहीं बढ़ सकेगा। दुनिया के उन्नत मुल्कों में जिस तरह लेबर का काम चलता है, उस तरह का हमारा संगठन नहीं है, उस तरह की हमारी लेबर भी नहीं है और न उस तरह की हमारी तालीम ही है। हमारी गवर्नमेंट भी उस तरह की नहीं है।
आप जानते हैं कि हमारी बंगाल सरकार ने एक पब्लिक सेफ्टी बिल बनाया है। आज बंगाल में जो प्रधान मण्डल है, वह हमारा अपना है। हमें उससे काम लेना है। अब बंगाल के प्रधान मण्डल ने इस विचार से कानून बनाया कि पश्चिम बंगाल का भला हो और यहाँ कोई झगड़ा-फिसाद न हो, कोई तूफान न उठ खड़ा हो। जब यह बिल असेम्बली में पेश हुआ तो कुछ लोगों ने मेम्बरों को असेम्बली में जाने से रोकना शुरू किया। इस से हमारा काम नहीं चल सकता। आज यदि हमारा प्रधान मण्डल अच्छा काम न करे, तो हम उसको हटा सकते हैं। तो जिन लोगों ने यह बिलपेश किया था, उनको अगर आप हटाना चाहें तो उनके ऊपर जो देख-भाल करनेवाले लोग हैं, कांग्रेस की वर्किग कमेटी है, मध्यस्थ सरकार है, उनके पास जाना चाहिए था। या आखिर में सच्चा रास्ता यह है कि आप उन लोगों के पास जाते, जो उनको वोट देनेवाले हैं। वह बंगाल की, कलकत्ता की प्रजा है, और उनके पास आपको जाना चाहिए था। लेकिन मेम्बरों को असेम्बली में जाने से रोकना तो किसी भी तरह ठीक नहीं। इस तरह करने से तो हमारा कोई काम नहीं चलेगा। इस तरह कोई लोक-शासन नहीं रह सकेगा, कोई डेमोक्रेसी प्रजातन्त्र, नहीं रहेगी। इस तरह तो गुंडों का राज्य हो जाएगा।
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- वक्तव्य
- कलकत्ता - 3 जनवरी 1948
- लखनऊ - 18 जनवरी 1948
- बम्बई, चौपाटी - 17 जनवरी 1948
- बम्बई, शिवाजी पार्क - 18 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की हत्या के एकदम बाद) - 30 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की शोक-सभा में) - 2 फरवरी 1948
- दिल्ली - 18 फरवरी 1948
- पटियाला - 15 जुलाई 1948
- नई दिल्ली, इम्पीरियल होटल - 3 अक्तूबर 1948
- गुजरात - 12 अक्तूबर 1948
- बम्बई, चौपाटी - 30 अक्तूबर 1948
- नागपुर - 3 नवम्बर 1948
- नागपुर - 4 नवम्बर 1948
- दिल्ली - 20 जनवरी 1949
- इलाहाबाद - 25 नवम्बर 1948
- जयपुर - 17 दिसम्बर 1948
- हैदराबाद - 20 फरवरी 1949
- हैदराबाद (उस्मानिया युनिवर्सिटी) - 21 फरवरी 1949
- मैसूर - 25 फरवरी 1949
- अम्बाला - 5 मार्च 1949
- जयपुर - 30 मार्च 1949
- इन्दौर - 7 मई 1949
- दिल्ली - 31 अक्तूबर 1949
- बम्बई, चौपाटी - 4 जनवरी 1950
- कलकत्ता - 27 जनवरी 1950
- दिल्ली - 29 जनवरी 1950
- हैदराबाद - 7 अक्तूबर 1950