नेहरू बाल पुस्तकालय >> तपस्या तपस्यासीतेश आलोक
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रोहित रोज ही दौड़कर उनके पास पहुंच जाता और कहता—‘‘हां दादू ! आज कौन सी कहानी सुनाएंगे ?’’
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