पौराणिक >> सम्भवामि युगे युगे सम्भवामि युगे युगेगुरुदत्त
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गुरुदत्त की ही कृति ‘अवतरण’ के आगे - महाभारत की कथा, दो भागों में...
यह उपन्यास दो भागों में हैं जिनका विवरण इस प्रकार है:
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