कहानी संग्रह >> नारी हृदय तथा अन्य कहानियाँ नारी हृदय तथा अन्य कहानियाँसुभद्रा कुमारी चौहान
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अपनी आंखों से आंसू पोंछती हुई वह बोली, यदि तुम निभा नहीं सकते थे, तो उस बेचारी को इस रास्ते पर घसीटा ही क्यों...
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