लोगों की राय

परिवर्तन >> चन्द्रहार

चन्द्रहार

प्रेमचंद

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :145
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 7635
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

404 पाठक हैं

मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास गबन पर आधारित नाटक...

Chandrahar - A Hindi EBook By Premchand


‘चन्द्रहार’ हिन्दी के अमर कथाकार प्रेमचन्द के सुप्रसिद्ध उपन्यास ‘ग़बन’ का ‘नाट्य–रूपांतर’ है। हिन्दी पाठकों के सुपरिचित एकांकी नाटककार श्री विष्णु प्रभाकर के मूल उपन्यास की कथावस्तु, पात्र और संवादों को सुरक्षित रखते हुए जालपा के आभूषण–प्रेम और रमानाथ के मनोवैज्ञानिक चरित्र–चित्रण की कहानी को बड़ी की कुशलता, कलात्मकता और सफलता से नाटक का परिधान पहनाया है। उपन्यासों को रंगमंच के लिए उपयोगी नाटकों में परिवर्तित करने की कला यूरोप और अन्य देशों में अत्यधिक प्रचलित होते हुए भी हिन्दी में यह प्रयत्न सम्भवत: पहला ही है। रूपांतरकार ने रंगमंच की आवश्यकताओं और विशेषताओं का प्रस्तुत नाटक में पूरा–पूरा ध्यान रखा है, फिर भी जहाँ तक पढ़कर आनन्द लेने का प्रश्न है, इसके रस प्रवाह में कोई बाधा नहीं आने पायी है। आशा की जाती है कि हिन्दी के विरल नाटक–साहित्य में और विशेषकर अभिनयोपयोगी नाटकों की दिशा में ‘चन्द्रहार’ एक विनम्र पूर्ति प्रमाणित होगा। और ‘ग़बन’ को नाटक के रूप में प्राप्त कर हिन्दी के पाठक, विचारक और लेखक सभी प्रसन्न होंगे। इस पुस्तक के कुछ पृष्ठ यहाँ देखें।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai