श्रंगार-विलास >> वयस्क किस्से वयस्क किस्सेमस्तराम मस्त
|
0 |
मस्तराम के मस्त कर देने वाले किस्से
अच्छा लग रहा है चाची जी।
मैं तो पहले ही कहा था, बोलो सीखोगी जोड़ा खाना..।
हाँ चाची।
लड़का पूरा मस्त है, अब बिलकुल छलकने वाला है। तुम्हारे से इसका एक का एकदम
बोतल के कार्क की तरह कसेगा। अब तो नहीं शरमाओगी।
नहीं चाची, हाय कितना अच्छा लग रहा है!!!
मैं अब उसके दोनों गेदों को चाव के साथ अपने हाथों में भरे और अपने यार को उनके
नाजुक हाथ में दिये खड़ा-खड़ा तीनों लोक की सैर कर रहा था। हम दो अनाड़ियों को
सिखाने में मुंह बोली चाची को बड़ा ही अनोखा लुत्फ आ रहा था।
मैं तो 14 वर्षीय हसीना के दोनों उभारों पर हाथ लगाने का अनुभव आज पहली बार कर
रहा था। अब पता चला कि लड़की के शरीर में कैसी मस्ती होती है।
चंदा को भी उसकी उभरती सहेलियों पर मेरे हाथ लगाने में जो मजा आया था, उसके
कारण चाची के प्रति मेरी ही तरह उसका मन भी अपार प्रेम से भर गया।
तभी चाची मेरे हाथों को उसकी मस्तियों पर से अलग करती हुई बोली हटाओ तुमको तो
खेलना भी नहीं आता।
हाथ हटाने से मेरा मजा हल्का हुआ और मेरी आंखें अपने आप ढ़प गई। तभी चन्दा के
हाथ के मस्ताये मेरे यार को उसके हाथ से अपने हाथ में लेती बोली , “ध्यान से
देखना उसमें से क्या निकलता हैं और चाची ने रानों को आपस में सटा कर तन कर खड़े
होने के संकेत के साथ मेरी बेताबी पर हाथ फेरा तो मैं पहले से ही मस्त था मजा
इतना आ रहा - था कि वर्णन नहीं कर सकता।
चन्दा थोड़े पीछे खिसक कर मेरे हथियार को चाची के हाथ का खिलौना बन कर नाचते
देखने लगी।
भला अब मैं चाची को किसी बात से इन्कार कैसे कर सकता था। मैं तुरन्त ही अपनी
रानों को कंस कर तन कर खड़ा हो गया।
|