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			 कविता संग्रह >> आमीन आमीनआलोक श्रीवास्तव
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आलोक की गज़ले, नज़्मे, दोहे और गीत
Aameen by Alok Shrivastava
आलोक की गज़ले, नज़्मे, दोहे और गीत पढ़ जाने के बाद जिस बात ने मेरे दिले-दिमाग पर अलग से दस्तक की, वो है हमारे वजूद की जिन्दगी से जुड़े हुए बेहद ताजा और संवेदनात्मक अक्स, जिनकी उजली परछाईयाँ ता-जिन्दगी हमारे साथ रहती हैं और दिलों की नरमी को बरकरार रखती हैं।
कमलेश्वर
आलोक ने कई जगह हैरान किया है मुझे। उसकी सीधी-सादी बातें सुनकर मुझे नहीं लगता था कि इस ठहरी हुई सतह के नीचे इतनी गहरी हलचल है।
गुलजार
			
		  			
			
						
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