अतिरिक्त >> भोर से पहले भोर से पहलेअमृत राय
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भोर से पहले पुस्तक का किंडल संस्करण
इन्दु ने अपने मन में कहा–ज़रा इसे देखो तो कैसे कर रही है! मुझे निरा मिट्टी का लोंदा समझ लिया है इसने क्या! कैसी अजीब लड़की है! और एक बार बहुत ज़ोर से उसका जी हुआ कि इस लड़की को, जो अभी इतनी जवान है और जो सिर्फ़ उसे सताने के लिए उसकी बग़ल में बैठकर इस तरह मुसकरा रही है, उठा कर इसी बिस्तरे पर पटक दे और...और उसे किसी जगह पर ऐसा हबोककर काट ले कि खून निकल आये, मगर उसने ज़ब्त किया। अब तक सारी परिस्थिति कुछ-कुछ उसकी पकड़ में आने लगी थी और एक अजीब खिन्नता उसके मन में भर रही थी।
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