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उपन्यास >> फिर लौटते हुए

फिर लौटते हुए

राकेश वत्स

प्रकाशक : राजपाल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :178
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8615
आईएसबीएन :9788170284277

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फिर लौटते हुए

Phir Loutate Huye (Rakesh Vats)

लेखनी के धनी श्रेष्ठ उपन्यासकार राकेश वत्स का नवीन उपन्यास जो आधुनिक जीवन की उलझनों तथा समस्याओं की पृष्ठभूमि में अत्यन्त शक्तिशाली तथा पठनीयता से परिपूर्ण ढंग से विषय के सभी तथ्यों को उजागर करता है-लीक से हटकर एक बिलकुल नए ढंग से लिखित सामयिक सामाजिक उपन्यास

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