लोगों की राय

सदाबहार >> गोदान

गोदान

प्रेमचंद

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :328
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8711
आईएसबीएन :9788171822492

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

332 पाठक हैं

गोदान होरी की कहानी है। उस होरी की जो जीवन भर मेहनत करता है...

Godan (Premchand)

‘गोदान’ प्रेमचंद की सर्वोत्तम कृति है, जिसमें उन्होंने ग्राम और शहर की दो कथाओं का यथार्थ रूप और संतुलित सम्मिश्रण प्रस्तुत किया है।

‘गोदान’ होरी की कहानी है। उस होरी की जो जीवन भर मेहनत करता है, अनेक कष्ट सहता है, केवल इसलिए कि उसकी मर्यादा की रक्षा हो सके और इसलिए वह दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास भी करता है किन्तु उसे इसका फल नहीं मिलता फिर भी अपनी मर्यादा नहीं बचा पाता। अंततः वह तप-तप के अपने जीवन को ही होम कर देता है। यह केवल होरी की ही नहीं, अपितु उस काल के हर भारतीय किसान की आत्मकथा है। इसके साथ ही जुड़ी है शहर की प्रासंगिक कहानी। दोनों कथाओं का संगठन इतनी कुशलता से हुआ है कि उसमें प्रवाह आद्योपांत बना रहता है। प्रेमचंद की कलम की यही विशेषता है।


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai