लोगों की राय

गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : उत्तरा बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8809
आईएसबीएन :9788192413822

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

173 पाठक हैं

मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



8

हमको उसकी याद की गहराइयाँ अच्छी लगीं


हमको उसकी याद की गहराइयाँ अच्छी लगीं,
इसलिये महफ़िल में भी तनहाइयाँ अच्छी ल्रगीं।

चिलचिलाती धूप, नंगे पाँव, जलती रेत पर,
तश्नगी को झील सी परछांइयाँ अच्छी लगीं।

ये मुहब्बत का असर ही था मुझे महबूब की,
ख़ूबियाँ तो ख़ूबियाँ थीं ख़ामियाँ अच्छी लगीं।

जब गिरीं हैं आशियाने पर तो गुज़रीं नागवार,
जब गिरीं दिल पर तो मुझको बिजलियाँ अच्छी लगीं।

मेरी मजबूरी का उसने भी उठाया फा़यदा,
वर्ना क्यों उसको मेरी मजबूरियाँ अच्छी लगीं।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book