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गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : उत्तरा बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8809
आईएसबीएन :9788192413822

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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



27

हँसाने की ख़ातिर रुलायेंगे कबतक


हँसाने की ख़ातिर रुलायेंगे कबतक।
हमें आप यूँ आज़मायेंगे कबतक।।

ये मन्दिर, ये मस्जिद, ये हिन्दू मुसलमाँ,
ज़माने को यूँ वरगलायेंगे कबतक।

समय खोल देगा हक़ीक़त किसी दिन,
हकी़क़त को आखि़र छुपायेंगे कबतक।

ये कहते नहीं कुछ ये सुनते नहीं कुछ,
बुतों को कहानी सुनायेंगे कबतक।

उन्हें ज़िद है मिलने न आयेंगे हमसे,
हमें देखना है न आयेंगे कबतक।

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