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गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : उत्तरा बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8809
आईएसबीएन :9788192413822

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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



26

ख़ुलूस दिल में ज़बाँ में मिठास रहने दो


ख़ुलूस दिल में ज़बाँ में मिठास रहने दो।
न ख़ुद रहो, न किसी को उदास रहने दो।।

मेरे लबों पे तबस्सुम की प्यास रहने दो,
कोई तो दर्द मेरे आसपास रहने दो।

बुझे न प्यास मगर दिल को इक तसल्ली है,
हमारे हाथ में ख़ाली गिलास रहने दो।

तुम्हारे होश से अच्छी है बेख़ुदी अपनी,
मैं बदहवास सही, बदहवास रहने दो।

तरक़्क़ियों के लिये ख़ुद को बरहना न करो,
हया के जिस्म पे कोई लिबास रहने दो।

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