लोगों की राय

गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : उत्तरा बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8809
आईएसबीएन :9788192413822

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

173 पाठक हैं

मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



50

ज़िन्दगी में ज़िन्दगी जैसा मिला कुछ भी नहीं


ज़िन्दगी में ज़िन्दगी जैसा मिला कुछ भी नहीं।
देने वाले से मगर हमको गिला कुछ भी नहीं।।

उम्र भर हम सब को तय करना है सांसों का सफ़र,
ज़िन्दगी और मौत में यूँ फ़ासिला कुछ भी नहीं।

मैं हूँ, मेरा रास्ता है और... इक उम्मीद है,
कोई संगे-मील, रहबर, क़ाफ़िला, कुछ भी नहीं।

हमने दे-देकर लहू सींचा कि महकेगा चमन,
और बहार आई तो शाख़ों पर खिला कुछ भी नहीं।

ख़ून में अपने वफ़ादारी है, इसको क्या करें?
वैसे दुनिया में वफ़ाओं का सिला कुछ भी नहीं।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book