गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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तस्लीम कि दुनिया को बदलने नहीं आये
तस्लीम कि दुनिया को बदलने नहीं आये।
पर दुनिया के साँचे में भी ढलने नहीं आये।।
हम चाँद सा चमकेंगे सितारों के दरमियान,
सूरज तरह आग उगलने नहीं आये।
कोशिश है हमारी कि सलामत रहे ख़ुश्बू,
हम सिर्फ़ बग़ीचे में टहलने नहीं आये।
ख़्वाबों को सजाते है हक़ीक़त की ज़मी पर,
दुनियां की तरह नींद में चलने नहीं आये।
पीकर जो नहीं बहके तो पीने का मज़ा क्या,
मयख़ाने में आये हैं सम्भलने नहीं आये।
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