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मनोविश्लेषण

सिगमंड फ्रायड

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :392
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8838
आईएसबीएन :9788170289968

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‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टु साइको-अनालिसिस’ का पूर्ण और प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद



व्याख्यान

6

आरम्भिक परिकल्पनाएं* और निर्वचन की विधि

इस प्रकार हमने समझ लिया कि यदि हमें स्वप्नों के बारे में अपनी गवेषणाओं को आगे बढ़ना है तो हमें एक नये रास्ते, और एक सुनिश्चित विधि से चलना होगा। अब मैं एक सरल-सा सुझाव पेश करूंगा। हमें आगे की सारी जांच इस परिकल्पना के आधार पर करनी चाहिए कि स्वप्न कायिक घटना नहीं है, बल्कि मानसिक घटना है। आप इसका अर्थ जानते हैं, पर ऐसी कल्पना करने का औचित्य क्या है? हमारे पास कोई औचित्य नहीं, पर दूसरी ओर हमें इससे रोका भी तो नहीं जा सकता। स्थिति यह है कि यदि स्वप्न कायिक घटना है तो इसका हमसे कुछ वास्ता नहीं। इस परिकल्पना के आधार पर ही हमें इसमें दिलचस्पी हो सकती है कि यह एक मानसिक घटना है। इसलिए यह देखने के लिए कि इस परिकल्पना को सत्य मान लिया जाए तो क्या होता है, हम इसे सत्य मान लेंगे। हमारे कार्य के परिणामों से यह होगा कि हम इस परिकल्पना पर कायम रह सकते हैं और इसे उचित रीति से निकाले गए अनुमान के रूप में सिद्ध कर सकते हैं या नहीं। पर हमारी इस जांच-पड़ताल का उद्देश्य ठीक-ठीक क्या है, या हमारे प्रयत्नों का लक्ष्य क्या है? हमारा उद्देश्य वही है जो सभी वैज्ञानिक प्रयासों का होता है अर्थात् घटनाओं को समझना, उनमें परस्पर सम्बन्ध स्थापित करना और अन्त में जहां कहीं सम्भव हो उन पर अपना अधिकार बढ़ाना।

इस प्रकार हम यह मानकर आगे बढ़ते हैं कि स्वप्न एक मानसिक घटना है। उस हालत में वे स्वप्न देखने वाले की कृति और वचन हैं, पर उस प्रकार की कृति और वचन हैं, जिससे हमें कुछ अर्थ पता नहीं चलता और जिसे हम समझते नहीं। अब मान लीजिए कि मैं कोई ऐसी बात कहता हूं जो आपकी समझ में नहीं आती, तो आप क्या करते हैं? आप मुझसे स्पष्टीकरण करने को कहते हैं, है न? तो फिर यही बात क्यों न की जाए-स्वप्न देखने वाले से ही उसके स्वप्न का अर्थ क्यों न पूछा जाए?

आपको याद होगा कि हम पहले भी ऐसी स्थिति में आ चुके हैं। इस समय हम कुछ गलतियों के बारे में जांच-पड़ताल कर रहे थे, और हमने बोलने की गलती का उदाहरण लिया था। किसी ने कहा था, 'तब कुछ वस्तुएं रिफिल्ड (Refilled) थीं' और इस पर हमने पूछा था, नहीं, नहीं; खुशकिस्मती से, पूछने वाले हम नहीं थे, बल्कि दूसरे लोग थे जिनका मनोविश्लेषण से कोई वास्ता नहीं था; तो, उन्होंने पूछा था कि आपके इस अजीब शब्द-प्रयोग का क्या अर्थ है ? उसने तुरन्त उत्तर दिया कि मैं यह कहना चाहता था, 'वह एक फिल्दी (filthy) कारबार है, पर उसने अपने-आपको रोका, और उन शब्दों की जगह कुछ नये शब्द प्रयुक्त किए, “चीज़ वहां 'रिवील्ड' (Revealed) थी।" मैंने तब आपको बताया था कि यह पूछताछ मनोविश्लेषण-सम्बन्धी प्रत्येक जांच-पड़ताल का आदर्श या नमना है. और अब आप जानते हैं कि मनोविश्लेषण की विधि यह यत्न करती है कि जहां तक हो सके, वहां तक उन व्यक्तियों को अपनी समस्याओं का स्वयं उत्तर देने का मौका दिया जाए, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। अतः स्वप्न देखने वाले को स्वयं अपने स्वप्न का निर्वचन हमारे सामने पेश करना चाहिए।

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* Hypotheses

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