लोगों की राय

विविध >> मनोविश्लेषण

मनोविश्लेषण

सिगमंड फ्रायड

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :392
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8838
आईएसबीएन :9788170289968

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

286 पाठक हैं

‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टु साइको-अनालिसिस’ का पूर्ण और प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद


छातियों को भी यौन अंगों में शामिल करना चाहिए। इनके तथा स्त्री के शरीर के नितम्बों के प्रतीक सेब, आड़ और सामान्य फल होते हैं। दोनों लिंगों के व्यक्तियों में जननेन्द्रियों के बाल स्वप्नों में जंगलों और झाड़ियों से सूचित होते हैं। स्त्री की जननेन्द्रियों का स्थान जटिल होने के कारण प्राकृतिक दृश्य उनके प्रतीक होते हैं, जिनमें शिलाएं, जंगल और पानी दिखाई देते हैं। उधर पुरुष-जननेन्द्रिय की शानदार कार्य-प्रणाली का निरूपण सब तरह की जटिल और अवर्णनीय मशीनरी द्वारा होता है।

स्त्री-जननेन्द्रिय का एक और उल्लेखनीय प्रतीक जेवर का डिब्बारू होता है, पर जेवर और सोना-चांदी स्वप्न में प्रिय व्यक्ति सूचक भी होते हैं, और मिठाइयां प्रायः कामुक आनन्द की प्रतीक होती हैं। किसी व्यक्ति को अपनी जननेन्द्रियों से प्राप्त सन्तुष्टि किसी भी तरह के खेल से सूचित होती है, जिसमें पियानो बजाना भी शामिल है। स्वयंरति1 के प्रतीक सरकना या चलना और कोई टहनी तोडना भी होते हैं। एक विशेष उल्लेखनीय स्वप्न-प्रतीक दांतों का गिरना या निकालना है। इसका मुख्य अर्थ निश्चित रूप से-स्वयंरति का दण्ड देने के लिए बधिया करना है। मैथुन या सम्भोग का विशेष निरूपण स्वप्नों में उतना नहीं होता, जितना इन सब बातों के बाद हमें आशा करनी चाहिए, पर इस सिलसिले में हम नाचना, सवारी करना और (ऊंचाई) पर चढ़ना जैसी तालबद्ध क्रियाओं का और किसी प्रकार की चोट अनुभव करने का, उदाहरण के लिए, कुचले जाने का, उल्लेख कर सकते हैं। इनके अलावा, कुछ हाथ के धंधे, और हथियारों से घायल किए जाने का भय भी इसके प्रतीक होते हैं।

आप यह मत समझिए कि इन प्रतीकों का उपयोग या अनुवाद अर्थात् भाषान्तर बिलकुल सीधे तौर से हो जाता है। चारों ओर ऐसी चीजें होती हैं, जिनकी हम आशा नहीं करते। उदाहरण के लिए, यह बात विश्वसनीय नहीं जंचती कि इन प्रतीकात्मक निरूपणों में प्रायः स्त्री-पुरुषों के लिंगों का अन्तर नहीं होता। बहुत-से प्रतीक सामान्यतः जननेन्द्रियों के सूचक होते हैं चाहे वे पुरुष की हों या स्त्री की। उदाहरण के लिए, छोटा बालक या छोटा पुत्र या पुत्री कभी-कभी, सामान्यतः पुल्लिंग का प्रतीक, स्त्री-जननेन्द्रिय को निर्दिष्ट करता है और इसी तरह इसका उल्टा भी होता है। यह बात तब तक पूरी समझ में नहीं आ सकती जब तक हम मनुष्यों में मैथुन या कामुकता-सम्बन्धी विचारों के परिवर्धन की कुछ जानकारी प्राप्त न कर लें। बहुत-से उदाहरणों में प्रतीकों की यह अस्पष्टता ऊपरी होती है, वास्तविक नहीं, और उनमें से सबसे विशेष प्रतीक, जैसे हथियार, जेव और तिजोरी, इन दोनों लिंगों के लिए कभी प्रयोग में नहीं आते।

--------------------
1. Onanism

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book