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देवांगना

आचार्य चतुरसेन

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 9009
आईएसबीएन :9789350642702

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आस्था और प्रेम का धार्मिक कट्टरता और घृणा पर विजय का एक रोचक उपन्यास...

 

अभिसन्धि


महा संघस्थविर वज़सिद्धि और महन्त सिद्धेश्वर एकान्त कक्ष में बैठे गुप्त मन्त्रणा कर रहे थे। दोनों दो पृथक् आसन पर बैठे थे। वज़सिद्धि ने कहा-‘अच्छा, उसके बाद?"

"उसके बाद क्या? लिच्छविराज ने काशिराज की प्रार्थना स्वीकार नहीं की। इस पर काशिराज ने सैन्य लेकर लिच्छविराज की राजधानी वैशाली को घेर लिया। लिच्छविराज भी दुर्बल न था। वह भी सैन्य लेकर सम्मुख आया। घनघोर युद्ध हुआ। परन्तु मेरी अभिसन्धि से लिच्छविराज का छिद्र मिल गया। काशिराज ने उनके प्रासाद में घुसकर लिच्छविराज को मार डाला और महल तथा नगर लूट लिया। पीछे उसमें आग लगा दी। सारा नगर जलकर खाक हो गया।

“परन्तु आपका काम ?"

"वह नहीं हुआ। बहुत सिर मारने पर भी वह गुप्त धनकोष नहीं मिला। मेरी इच्छा लिच्छविराज को जीवित पकड़ने की थी-ऐसी ही मैंने काशिराज को सलाह भी दी थी। परन्तु काशिराज ने मेरी बात नहीं रखी, क्रोध में आ लिच्छविराज को तलवार के घाट उतार दिया। इससे उस गुप्त राजकोष का भेद भी लिच्छविराज के साथ चला गया।"

"फिर?"

"उस मार-काट और लूट-पाट में गुप्त राजकोष को ढूँढ़ते हुए एक गुप्त स्थान में छिपी एक दासी के साथ तीन वर्ष की बालिका मिली। दासी ने उस बालिका को छीन ले जाने से रोकने के लिए मेरे सेवकों को बहुत स्वर्ण-धन देना चाहा, परन्तु उन्होंने नहीं माना। वे उसे मेरे पास ले आए। बालिका के साथ उसकी धाय भी रोती-पीटती आई और बहुत कुछ अनुनय-विनय उस बालिका को छोड़ देने के लिए करने लगी। परन्तु जब मैंने उस बालिका को काशी ले जाने का संकल्प नहीं छोड़ा तो उसने रो-पीटकर उसके साथ स्वयं भी चलने की प्रार्थना की। बालिका बड़ी सुन्दर थी तथा वह उसकी दासी-धाय थी, इससे मैंने उसे भी बालिका के साथ रहने की अनुमति दे दी।"

"तो वह कन्या?"

"मन्दिर में लाकर मैंने उसे देवार्पण कर दिया और वह देवदासी बना ली गई। उसकी धाय को भी देवदासियों में रख लिया।"

"तो यही वह कन्या है? क्या नाम है इसका ?"

"मंजुघोषा, यह नाम उस दासी ही ने रखा था।"

"और वह दासी अब कहाँ है?"

"वह अभी तक उसी कन्या के साथ देवदासियों में रहती है। उसका शील और नैपुण्य देख मैंने उसे सब देवदासियों का प्रधान बना दिया है।"

"उसका नाम क्या है?"

"सुनयना।"

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