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संस्कृति >> श्री कृष्ण की लीलास्थली मथुरा-वृन्दावन

श्री कृष्ण की लीलास्थली मथुरा-वृन्दावन

बनवारी लाल कंछल

प्रकाशक : मनोज पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :131
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 9185
आईएसबीएन :9788131019382

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कृष्ण की लीलास्थली मथुरा-वृन्दावन...

Krishna Ki Leelasthali-Mathura-Vrindavan - A Hindi Book by Banwari Lal Kansal

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

मथुरा भारत की सप्तपुरियों में से एक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां सतयुग में मधुवन था, जिसमें मधु नामक दैत्य रहता था। मधु के पुत्र लवणासुर को मारकर श्रीराम के लघु भ्राता शत्रुघ्न ने यहां ‘मथुरा’ नामक नगरी की स्थापना की थी। इसी मथुरा में श्रीविष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में वसुदेव-देवकी के यहां जन्म लिया था।

क्रूर कंस के भय से वसुदेव शिशु कृष्ण को लेकर गोकुल पहुंचे, जहां नंद और यशोदा रहते थे। यह स्थान मथुरा से 10 किमी. दूर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसे महावन भी कहते हैं। पूतना के मारे जाने के बाद नंद ने अपने स्वजनों के साथ वृंदावन को अपना निवास स्थान बनाया। कहते हैं कि यहां सतयुग में राजा केदार की पुत्री वृंदा ने तप किया था। वृंदावन का नाम कालिकावर्त भी था।

वृंदावन ही श्रीकृष्ण की लीलास्थली है। यहीं यमुना-तट पर उन्होंने गोपियों के साथ महारास किया था। चीरहरण की लीला भी यहीं हुई थी।

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