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गृहनीति
गृहनीति
प्रकाशक :
विश्व बुक्स |
प्रकाशित वर्ष : 2015 |
पृष्ठ :116
मुखपृष्ठ :
पेपरबैक
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पुस्तक क्रमांक : 9303
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आईएसबीएन :8179870197 |
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316 पाठक हैं
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
कथा सम्राट प्रेमचंद विश्व के उन विशिष्ट कथाकारों की श्रेणी में गिने जाते हैं, जिन्होंने समाज के सभी वर्गों - अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष, बच्चे-बूढ़े, जमींदार-किसान, साहूकार-कर्जदार आदि के जीवन और उनकी समस्याओं को यथार्थवादी धरातल पर बड़ी ही सीधी-सादी शैली और सरल भाषा में प्रस्तुत करते हुए एक दिशा देने का प्रयास किया है।
यही कारण है कि प्रेमचंद की कहानियां हिंदी-भाषी क्षेत्रों में ही नहीं, संपूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी और सराही जाती हैं। इतना ही नहीं, विदेशी भाषाओं में भी उनकी चुनी हुई कहानियों के अनुवाद हो चुके हैं।
इतना ही नहीं विदेशी भाषाओं में भी उनकी चुनी हुईं कहानियों के अनुवाद हो चुके हैं। प्रेमचंद की इस प्रासंगिकता के संदर्भ में प्रस्तुत है उन की कुछ विशिष्ट कहानियों का संग्रह ‘गृहनीति’, जिसमें विभिन्न सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव बिखरे पड़े हैं।
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