स्वास्थ्य-चिकित्सा >> चमत्कारिक तेल चमत्कारिक तेलउमेश पाण्डे
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प्रकाशकीय-
जीवन का आधार हैं तेल
आज सभी व्यक्ति किसी न किसी रूप में तेल का उपयोग कर रहे हैं यह खाने तथा शरीर पर बाहरी तौर पर मालिश आदि के काम मे लाया जाता है। खाने एवं लगाने के अतिरिक्त तेलों के अनेक औषधीय प्रयोग भी है जिनसे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यायें समाज होती हैं व्यक्ति निरोग हो जाता है। इसके साथ-साथ तेलों के अनेक चमत्कारिक प्रयोग भी हुएं जो जीवन मे आने वाली समस्याओ को दूर करने मे प्रभावी भ्रइमक्ल का निर्वाह करते हैं। वर्तमान में जो लोग इसके महत्त्व से पूरी तरह से परिचित नही हैं. वे भी इसका उपयोग अवश्य कर रहै है। प्रकृति के द्वारा मनुष्य को दिया गया यह अनमोल उपहार है जन्म लेने के बाद से ही व्यक्ति को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह समस्यायें प्राचीनकाल से ही अलग-अलग रूपों में सामने आने लगी थी। इनमें सबसे बड़ी समस्या भूख को शांत करने की थी। इसे आहार की आवश्यकता के रुप मे देखा जा सकता है। इसके लिये प्रकृति ने विभिन्न प्रकार के फलों की व्यवस्था की और फिर बाद में मनुष्य ने अपने बुद्धिबल एव आवश्यकताओं के वशीभूत होकर अनेक खोजें एवं प्रयोग किये। इसके अन्तर्गत अनाज की खेती हुई और अनेक वृक्षों, पौधों एवं पुष्पों से तेल प्राप्त किया गया। इनसे न केवल मनुष्य का जीवन सुरक्षित हुआ अपितु उसके स्वास्थ्य की रक्षा करने में भी सहायता मिली।
आज विज्ञान ने बहुत उन्नति की है, इसमें कोई शंका नहीं है किन्तु अगर हम अपने अतीत को देखें तो स्पष्ट होता है कि तब विज्ञान के अभाव में भी मनुष्य सभी क्षेत्रो में बहुत उन्नत था, आहार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत आगे था। उस समय अक्सर ही राज्यों के बीच भीषण युद्ध होते थे बाहरी आक्रमणकारियों ने भी बार-बार आक्रमण किये जब युद्ध होते हैं सो बहुत बड़ी सख्या में लड़ाके मारे जाते हैं और घायल होते हैं। जो घायल हो जाते थे उन्हें बचाने के लिये अथक प्रयास किये जाते थे। इसके लिये मालिश से लेकर पुल्टिस-पटिटयां बांधने का कार्य किया जाता था और इसके बाद घायल शीघ्र ठीक होने लगता था इस मालिश तथा पुल्टिस आदि में बड़े स्तर पर विभिन्न प्रकार के तेलों का उपयोग किया जाता था। यह तेल वृक्षों, पौधों फूलो आदि से प्राप्त किया जाता था। अधिकाशतः बीजों के द्वारा तेल प्राप्त किया जाता था। इससे स्पष्ट होता है कि उस समय भी मनुष्य को तेल निकालने की विधि तथा उसके प्रयोगों के बारे में पर्याप्त ज्ञान था। इसके बाद जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया ओर विज्ञान उन्नति करता गया वैसे-वैसे अनेक विषयों के बारे में मनुष्य की रुचि जिज्ञासा और ज्ञान कम होता चला गया। इनमें से वनस्पतिज तेल भी ऐसा ही विषय है इसलिये अधिकांश व्यक्ति तेल को केवल खाने के लिये उपयोगी मानते हैं इसके अन्य औषधीय एवं चमत्कारिक प्रयोग क्या हो सकते हैं, इसके बारे में उन्हें अधिक ज्ञान नहीं है। यही कारण है कि प्रकृति प्रदत्त अनमोल उपहार तेल से समुचित लाभ नहीं लिया जा रहा है।
आज असंख्य व्यक्ति अनेक प्रकार की समस्याओं में उलझे हुये हैं, इनका समाधान नहीं होने के कारण वह पीड़ा एवं दुख भोगने को अभिशप्त हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति सभी कार्य करने को तैयार हो जाता है। प्रयास यही रहता है कि किसी भी प्रकार से उसकी समस्याओं का समाधान निकले और वह पीड़ा से मुक्त हो। इस बारे में प्रकृति प्रदत्त विभिन्न प्रकार के तेल उसकी बहुत सहायता कर सकते हैं। बहुत से व्यक्तियों को इस बारे में मालूम ही नहीं है कि तेलों के द्वारा हम स्वास्थ्य रक्षा भी कर सकते हैं तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक समस्याओं को दूर कर सकते हैं। यह सब आसानी से हो सकता है क्योंकि तेलों में ऐसे अनेक औषधीय गुण होते हैं जो व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करते हुये उसे रोगों से दूर रखते हैं और मुक्त भी करते हैं। इसके अतिरिक्त तेलों के द्वारा अनेक चमत्कारिक उपाय भी किये जा सकते हैं। यह उपाय मनुष्य की अनेक प्रकार की समस्याओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं। तेलों का उपरोक्त प्रकार का लाभ तभी लिया जा सकता है जब इस बारे में पर्याप्त जानकारी हो।
चमत्कारिक तेल एक ऐसी ही पुस्तक है जो आपको तेलों के महत्व से ठीक प्रकार से परिचित कराने के साथ-साथ इसके औषधीय एवं चमत्कारिक प्रयोगों के बारे में जानकारी देती है। इस पुस्तक में पहली बार तेलों के महत्व तथा औषधीय प्रयोगों के बारे में बताने के साथ-साथ इनके द्वारा किये जा सकने वाले चमत्कारिक प्रयोगों के बारे में भी बताया गया है। यह उपाय इतने सरल हैं कि आप बिना किसी विशेष परेशानी के इनका प्रयोग कर सकते हैं। यह सभी तेल बाजार में उपलब्ध हैं और आसानी से मिल जाते हैं। आप अगर किसी भी प्रकार का औषधीय अथवा चमत्कारिक प्रयोग करते हैं तो उससे अवश्य ही लाभ होगा। प्रकाशन के क्षेत्र में तेलों पर आधारित इतनी उपयोगी यह पहली पुस्तक होगी।
पुस्तक के लेखक उमेश पाण्डे ने इस पुस्तक को पाठकों के लिये अधिकाधिक उपयोगी बनाने का अथक प्रयास किया है। लेखक को वनस्पतियों पर विशेषज्ञता प्राप्त है और वे इसके बारे में अनेक प्रकार के शोध कार्य भी करते रहे हैं और अभी कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि अपने आपमें चमत्कारिक प्रभाव देने वाली पुस्तक चमत्कारिक तेल किसी चमत्कार से कम नहीं होगी। पुस्तक की भाषा एवं प्रयोग अत्यन्त सरस एवं सरल हैं जिन्हें समझने तथा प्रयोग करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं आयेगी। निरोगी दुनिया प्रकाशन द्वारा इस पुस्तक को पूर्ण गरिमा के साथ प्रकाशित किया गया है। लेखक एवं प्रकाशक दोनों का यह सामूहिक प्रयास रहा है कि उनकी पुस्तक से पाठकों को अत्यधिक लाभ प्राप्त हो। हमारा आप सभी प्रबुद्ध पाठकों से निवेदन है कि इस पुस्तक को पढ़ने के पश्चात् अपनी प्रतिक्रिया से अवश्य अवगत करायें। हमें आपके सुझावों की हमेशा प्रतीक्षा रहेगी।
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- जीवन का आधार हैं तेल
- तेल प्राप्त करने की विधियां
- सम्पीड़न विधि
- आसवन विधि
- साधारण विधि
- तेलों के सम्बन्ध में कुछ विशेष जानकारियां
- नारियल का तेल
- अखरोष्ट का तेल
- राई का तेल
- करंज का तेल
- सत्यानाशी का तेल
- तिल का तेल
- दालचीनी का तेल
- मूंगफली का तेल
- अरण्डी का तेल
- यूकेलिप्टस का तेल
- चमेली का तेल
- हल्दी का तेल
- कालीमिर्च का तेल
- चंदन का तेल
- नीम का तेल
- कपूर का तेल
- लौंग का तेल
- महुआ का तेल
- सुदाब का तेल
- जायफल का तेल
- अलसी का तेल
- सूरजमुखी का तेल
- बहेड़े का तेल
- मालकांगनी का तेल
- जैतून का तेल
- सरसों का तेल
- नींबू का तेल
- कपास का तेल
- इलायची का तेल
- रोशा घास (लेमन ग्रास) का तेल
- बादाम का तेल
- पीपरमिण्ट का तेल
- खस का तेल
- देवदारु का तेल
- तुवरक का तेल
- तारपीन का तेल
- पान का तेल
- शीतल चीनी का तेल
- केवड़े का तेल
- बिडंग का तेल
- नागकेशर का तेल
- सहजन का तेल
- काजू का तेल
- कलौंजी का तेल
- पोदीने का तेल
- निर्गुण्डी का तेल
- मुलैठी का तेल
- अगर का तेल
- बाकुची का तेल
- चिरौंजी का तेल
- कुसुम्भ का तेल
- गोरखमुण्डी का तेल
- अंगार तेल
- चंदनादि तेल
- प्रसारिणी तेल
- मरिचादि तेल
- भृंगराज तेल
- महाभृंगराज तेल
- नारायण तेल
- शतावरी तेल
- षडबिन्दु तेल
- लाक्षादि तेल
- विषगर्भ तेल