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चमत्कारिक तेल

उमेश पाण्डे

प्रकाशक : निरोगी दुनिया प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :252
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 9417
आईएसबीएन :9789385151071

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तेल प्राप्त करने की विधियां

 

तेल साधारण भाषा में प्राणी तथा पौधों से प्राप्त वे विशेष पदार्थ हैं जिनमें मुख्य रूप से कुछ वसीय अथवा अन्य रसायन जैसे कि टरपीनॉइड्स होते हैं। अलग-अलग तेलों में कुछ न कुछ विशिष्ट लक्षण होते हैं जो कि उनमें पाये जाने वाले पृथक्-पृथक् रसायनों के कारण होते हैं। वनस्पतियों में ये तेल मुख्य रूप से बीजों में, पत्तियों में अथवा पुष्पों में और यदाकदा उनकी काष्ठ में होते हैं।

वनस्पतिज तेलों को साधारण रूप से दो प्रकारों में बांटा जा सकता है:-

(1) स्थिर तेल (Fixed oils) एवं (2) wstisfied fict (Essential oils)

स्थिर तेल (Fixed oils)

इन्हें वसीय तेल (fatty oils) भी कहते हैं क्योंकि इनमें वसीय अम्ल, फिर चाहे वे किसी भी प्रकार के हों, अवश्य पाये जाते हैं। ये स्थिर तेल मुख्यतः 155. से 165. डिग्री सेन्टीग्रेड के बीच द्रव अवस्था में रहते हैं। ये तेल मुख्यतः पौधों के बीजों से प्राप्त किये जाते हैं। इन तेलों की प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित हैं-

(1) ये तेल गाढ़े, धीमे बहने वाले, प्राय: हल्के पीले अथवा पीले (कभी-कभी अन्य वर्ण के) तथा विशिष्ट गंध वाले होते हैं।

(2) ये अवाष्पशील होते हैं, इसलिये इनका आसवन नहीं किया जा सकता है।

(3) इन्हें अधिकांशतः खाया भी जा सकता है।

(4) इनको साबुनीकृत किया जा सकता है अर्थात् इनसे साबुन भी बनाया जा सकता है।

(5) मुख्य रूप से इनमें असंतृप्त अथवा संतृप्त वसीय अम्ल अथवा उनके इस्टर्स (Esters) होते हैं-

असंतृप्त वसीय अम्लों में मुख्य हैं- पामिटोलिक अम्ल (Palmitoleic acid), लिनोलिक एसिड (Oleic acid), लिनोलेनिक अम्ल (Linoleic acid), लिनोलेनिक अम्ल (Linolenic acid), अरेकिडोनिक अम्ल (Arachidonic acid) आदि।

सामान्य संतृप्त वसीय अम्लों में मुख्य हैं- ब्यूटिरिक अम्ल (Butyricacid), केप्रोइक अम्ल (Caproic acid), कैपरिलिक अम्ल (Caprylic acid), लॉरिक अम्ल (Lauric acid), मायरिस्टिग अम्ल (Myristic acid) इत्यादि।

वनस्पतिज स्थिर तेलों को चार प्रकारों में बांटा जा सकता है:-

1.  वसा (Fats)- नारियल तेल, पाम ऑयल आदि।

2. न सूखने वाले तेल (Non-drying oils)– जैतून का तेल, बादाम का तेल आदि।

3. अर्द्ध सूखने वाले तेल (Semi drying oils)- अरण्डी का तेल, सरसों का तेल आदि।

4. सूखने वाले तेल (Drying oils)- लिनसीड ऑयल या अलसी का तेल आदि।"

उड़नशील तेल (Essential oils)

जैसा कि नाम से विदित है कि ये तेल सामान्य ताप पर ही वाष्प में बदलकर उड़ जाते हैं। अत: इन्हें इथेरियल तेल (Ethereal oils) भी कहते हैं। चूंकि ये पौधों के सक्रिय तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं, अतः इन्हें इशेन्शियल ऑयल्स (Essential oils) भी कहते हैं। ये निम्न लक्षणों से युक्त होते हैं:-

(1) ये सामान्य ताप पर वाष्प में बदल जाते हैं अथवा हवा में खुला छोड़ने पर उड़ जाते हैं।

(2) इनमें मुख्यतः टरपीन्स (Terpenes) तथा टरपीनॉइड्स (Terpenoids) àà हैं। टरपीन्स मुख्य रूप से कार्बन और हायड्रोजन से निर्मित हायड्रोकार्बन्स होते हैं जबकि टरपीनॉईड्स में डायड्रोकार्बन्स के साथ-साथ उनके ऑक्सीजनेटेड (ऑक्सीजन युक्त) व्युतपन्न भी होते हैं।

(3) सभी उड़नशील तेल ईथर या एल्कोहल में घुलनशील होते हैं।

(4) ये पानी में अघुलनशील होते हैं।

(5) ये पानी से हल्के होते हैं।

(6) इनमें विशिष्ट गंध होती है।

(7) ये पौधे के सभी अंगों में अथवा कुछ विशिष्ट अंगों में पाये जाते हैं। उदाहरण के लिये तुलसी के सम्पूर्ण पौधे में सुगन्ध होती है जबकि नींबू में पत्तियों में ये मुख्य रूप से होते हैं। उड़नशील तेल मुख्य रूप से कपूर, पीपरमिण्ट, नींबू, इलायची, सौंफ आदि में होते हैं।

उपरोक्त तेलों के विस्तार में जाना इस पुस्तक की सीमा से बाहर की विषयवस्तु है। अतः विस्तार में न जाते हुये हम स्थिर एवं उड़नशील तेलों को किस प्रकार निकाला जाता है, इस पर संक्षेप में प्रकाश डालेंगे। विभिन्न तेलों को निकालने की अर्थात् निष्कर्षण की विधियां अग्रांकित प्रकार से हैं-

(1) सम्पीड़न विधि (Compression method),

(2) आसवन विधि (Distillation method) तथा

(3) सामान्य विधि (General method)

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    अनुक्रम

  1. जीवन का आधार हैं तेल
  2. तेल प्राप्त करने की विधियां
  3. सम्पीड़न विधि
  4. आसवन विधि
  5. साधारण विधि
  6. तेलों के सम्बन्ध में कुछ विशेष जानकारियां
  7. नारियल का तेल
  8. अखरोष्ट का तेल
  9. राई का तेल
  10. करंज का तेल
  11. सत्यानाशी का तेल
  12. तिल का तेल
  13. दालचीनी का तेल
  14. मूंगफली का तेल
  15. अरण्डी का तेल
  16. यूकेलिप्टस का तेल
  17. चमेली का तेल
  18. हल्दी का तेल
  19. कालीमिर्च का तेल
  20. चंदन का तेल
  21. नीम का तेल
  22. कपूर का तेल
  23. लौंग का तेल
  24. महुआ का तेल
  25. सुदाब का तेल
  26. जायफल का तेल
  27. अलसी का तेल
  28. सूरजमुखी का तेल
  29. बहेड़े का तेल
  30. मालकांगनी का तेल
  31. जैतून का तेल
  32. सरसों का तेल
  33. नींबू का तेल
  34. कपास का तेल
  35. इलायची का तेल
  36. रोशा घास (लेमन ग्रास) का तेल
  37. बादाम का तेल
  38. पीपरमिण्ट का तेल
  39. खस का तेल
  40. देवदारु का तेल
  41. तुवरक का तेल
  42. तारपीन का तेल
  43. पान का तेल
  44. शीतल चीनी का तेल
  45. केवड़े का तेल
  46. बिडंग का तेल
  47. नागकेशर का तेल
  48. सहजन का तेल
  49. काजू का तेल
  50. कलौंजी का तेल
  51. पोदीने का तेल
  52. निर्गुण्डी का तेल
  53. मुलैठी का तेल
  54. अगर का तेल
  55. बाकुची का तेल
  56. चिरौंजी का तेल
  57. कुसुम्भ का तेल
  58. गोरखमुण्डी का तेल
  59. अंगार तेल
  60. चंदनादि तेल
  61. प्रसारिणी तेल
  62. मरिचादि तेल
  63. भृंगराज तेल
  64. महाभृंगराज तेल
  65. नारायण तेल
  66. शतावरी तेल
  67. षडबिन्दु तेल
  68. लाक्षादि तेल
  69. विषगर्भ तेल

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