भारतीय जीवन और दर्शन >> अभिज्ञानशाकुन्तलम्-कालिदास विरचित अभिज्ञानशाकुन्तलम्-कालिदास विरचितसुबोधचन्द्र पंत
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अब कुछ शकुन्तला के विषय में-
शकुन्तला का जन्म स्वर्गीय अप्सरा मेनका के गर्भ से उन ऋषि विश्वामित्र से
हुआ जिनके तप से इन्द्र तक डर गये थे और उन्होंने ऋषि को लुभाने के लिए और
उनकी तपस्या भंग करने के लिए मेनका को मृत्युलोक में भेजा। कन्या के
उत्पन्न होते ही मेनका उसको वन में छोड़कर स्वर्ग को लौट गई थी। वन के
पशु-पक्षियों ने कन्या का पोषण किया और कण्व की दृष्टि पड़ने पर वे उसको
अपने आश्रम में ले आए। पक्षियों द्वारा पालित-पोषित होने से कण्व ने
उसका नाम 'शकुन्तला' रख दिया था।
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