भारतीय जीवन और दर्शन >> अभिज्ञानशाकुन्तलम्-कालिदास विरचित अभिज्ञानशाकुन्तलम्-कालिदास विरचितसुबोधचन्द्र पंत
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वराहमिहिर
भारतीय ज्योतिष-शास्त्र इनसे गौरवास्पद हो गया है। इन्होंने अनेक ग्रन्थों
का प्रणयन किया है। इनमें-'बृहज्जातक', 'बृहस्पति संहिता',
'पंचसिद्धान्ती' मुख्य हैं। 'गणक तरंगिणी', 'लघु-जातक', 'समास
संहिता', 'विवाह पटल', 'योग यात्रा' आदि-आदि का भी इनके नाम से उल्लेख
पाया जाता है।
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