योग >> योग निद्रा योग निद्रास्वामी सत्यानन्द सरस्वती
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योग निद्रा मनस और शरीर को अत्यंत अल्प समय में विक्षाम देने के लिए अभूतपूर्व प्रक्रिया है।
स्मरण-शक्ति का प्रशिक्षण
मानस-दर्शन का उपयोग स्मरण-शक्ति को बढ़ाने में हो सकता है। यह प्रतीकों के संयोजन से किया जाता है। जब किसी चीज का स्मरण करना हो तो उससे सम्बन्धित वस्तुओं या प्रतीकों की अधिकाधिक संख्या में खोज की जाती है। बाद में जव पुनः उस वस्तु की याद करनी पड़े तो उससे सम्बन्धित किसी भी प्रतीक को याद करना पर्याप्त है।
लगातार उच्चारण अथवा शब्द को दोहराने की क्रिया से स्मृति तेज होती है। किन्तु यह क्रिया बड़ी मन उबाऊ और समय लेने वाली होती है। इसके विपरीत स्मृति से सम्बन्धित प्रतीकों, चिह्नों से सम्बन्ध बना लेने से यह क्रिया सरल एवं आसान हो जाती है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी का नाम याद करना है तो उसी नाम से अन्य लोगों व वस्तुओं को पुकारना शुरू करें, तब व्यक्ति का सीधा सम्बन्ध उस नाम के अर्थ के साथ जुड़ जायेगा और वह उसे याद हो जायेगा। हो सकता है कि इस पद्धति से नाम स्वयं अपना अर्थ आपके मन में प्रकट कर दे। उस व्यक्ति का चेहरा, क्रिया, वस्त्र, रंग, रूप का भी ध्यान अपनी इस क्रिया के दौरान करते रहना चाहिये। जितना सम्बन्ध आप उससे बनायेंगे, स्मृति उतनी सरल होती जायेगी। जितनी आपकी कल्पना उसके स्वरूप को आत्मसात् कर सकेगी, उसके साथ सम्बन्ध बनाने में सफल होगी, उतनी ही शक्तिशाली स्मृति मन में अंकित होगी।
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