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ताजमहल मन्दिर भवन है

पुरुषोत्तम नागेश ओक

प्रकाशक : हिन्दी साहित्य सदन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :270
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15322
आईएसबीएन :9788188388714

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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...


अर्जुमन्दबानो का पिता ख्वाजा अब्दुल हसन (जो यासीन-उद्दौला आसफ खाँ के नाम से भी जाना जाता था) और माता दीवानजी बेगम थी। १५९४ में* जन्मी मुमताज़ का १६१२ में शाहजहाँ से विवाह हुआ। इसलिए विवाह के समय वह १८ वर्ष की और शाहजहाँ २१ वर्ष का था। किन्तु वह शाहजहाँ की प्रथम पत्नी नहीं थी। शाहजहाँ की प्रथम पत्नी, महारानी फारस के शासक शाह इस्माइल सफवी की प्रपौत्री थी। शाहजहाँ की असंख्य अन्य पलियाँ और सहस्रों रखेलें भी थीं। मुमताज़ से विवाह करने से पूर्व ही न केवल शाहजहाँ विवाहित था अपितु मुमताज़ की मृत्यु के बाद भी उसने विवाह किया। इन विवाहों के मध्य वह सैकड़ों की संख्या में अपने हरम में रखेलें भी रखने का अभ्यस्त था। इसलिए यह तर्क करना नितान्त असंगत है, जैसा कि पारम्परिक रूप से होता आया है कि शाहजहाँ मुमताज़ पर इतना अनुरक्त था कि उसकी मृत्यु के बाद, जीवन में उसकी रुचि समाप्त हो गई थी और इसलिए उसने उसकी स्मृति को एक भव्य मकबरे के रूप में चिरस्थायी रखा।
१. प्रत्येक अन्य विवरण की भाँति मुमताज का जन्म-वर्ष भी कल्पित प्रतीत होता है। मुल्ला अब्दुल हमीद लाहौरी, जिसका हमने इस अध्याय में पहले उल्लेख किया है, के अनुसार मुमताज़ महल अपने ४०वें वर्ष में थी जब उसकी मृत्यु हुई, क्योंकि उसकी मृत्यु १६३० में हुई इसलिए वह निश्चित ही १५९० में जन्मी होगी। और इस पर भी मौलवी मोइनुद्दीन की पुस्तक में मुमताज़ की जन्मतिथि १५९४ लिखी गई है।

इतिहास की वर्तमान पुस्तकों में मुमताज के प्रति शाहजहाँ के कल्पित अनुराग का जो झमेला विद्यमान है, उसे तत्कालीन इतिहास द्वारा संगत नहीं पाया जाता। ५००० रखेलों के हरम में मुमताज इतनी महत्त्वहीन थी कि किसी भी इतिहासकार ने उसके जन्म, मृत्यु और बुरहानपुर के ताज उद्यान में अथवा ताजमहल के गुम्बद के नीचे दफनाए जाने आदि की तिथियों का सही अंकन भी नहीं किया। एक उद्धरण से इसकी पुष्टि होती है।* "ताज के निर्माण का कार्य १६३० में या मुमताज महल की मृत्यु के एक वर्ष बाद आरम्भ हुआ। भवन के पूर्ण होने की तिथि सामने के प्रवेश-द्वार पर १०५७ (१६४८) खुदी हुई है। इस प्रकार इसके पूर्ण होने में १८ वर्ष लगे। लागत ३० लाख स्टर्लिंग थी।'
* 'आगरा-हिस्टोरिकल एण्ड डेस्क्रिप्टिव-अकबर उसके दरबार, और आधुनिक आगरा नगर', पृष्ठ ११५, ले. सय्यद मोहम्मद लतीफ (खानबहादुर), कलकत्ता सेंट्रल प्रेस कं. कलकत्ता में १८९६ में प्रकाशित।

उपरिलिखित उद्धरण मुमताज़ और ताजमहल से सम्बन्धित अन्य विवरण, जो कि यहाँ उद्धृत किए गए हैं, उनसे पर्याप्त भिन्न हैं। इसका अभिप्राय है कि मुमताज़ की मृत्यु १६२९ में हुई जबकि अन्य लोग उसकी मृत्यु १६३० या १६३१ या १६३२ में बताते हैं। ताजमहल की लागत-राशि भी किसी प्रामाणिकता के अभाव में सर्वथा काल्पनिक है।

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    अनुक्रम

  1. प्राक्कथन
  2. पूर्ववृत्त के पुनर्परीक्षण की आवश्यकता
  3. शाहजहाँ के बादशाहनामे को स्वीकारोक्ति
  4. टैवर्नियर का साक्ष्य
  5. औरंगजेब का पत्र तथा सद्य:सम्पन्न उत्खनन
  6. पीटर मुण्डी का साक्ष्य
  7. शाहजहाँ-सम्बन्धी गल्पों का ताजा उदाहरण
  8. एक अन्य भ्रान्त विवरण
  9. विश्व ज्ञान-कोश के उदाहरण
  10. बादशाहनामे का विवेचन
  11. ताजमहल की निर्माण-अवधि
  12. ताजमहल की लागत
  13. ताजमहल के आकार-प्रकार का निर्माता कौन?
  14. ताजमहल का निर्माण हिन्दू वास्तुशिल्प के अनुसार
  15. शाहजहाँ भावुकता-शून्य था
  16. शाहजहाँ का शासनकाल न स्वर्णिम न शान्तिमय
  17. बाबर ताजमहल में रहा था
  18. मध्ययुगीन मुस्लिम इतिहास का असत्य
  19. ताज की रानी
  20. प्राचीन हिन्दू ताजप्रासाद यथावत् विद्यमान
  21. ताजमहल के आयाम प्रासादिक हैं
  22. उत्कीर्ण शिला-लेख
  23. ताजमहल सम्भावित मन्दिर प्रासाद
  24. प्रख्यात मयूर-सिंहासन हिन्दू कलाकृति
  25. दन्तकथा की असंगतियाँ
  26. साक्ष्यों का संतुलन-पत्र
  27. आनुसंधानिक प्रक्रिया
  28. कुछ स्पष्टीकरण
  29. कुछ फोटोग्राफ

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