इतिहास और राजनीति >> ताजमहल मन्दिर भवन है ताजमहल मन्दिर भवन हैपुरुषोत्तम नागेश ओक
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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...
पीटर मुण्डी का साक्ष्य
अंग्रेज यात्री पीटर मुण्डी १६२८ से १६३३ तक भारत में था। उसने अपनी दैनिकी में जो अब 'योरोप और एशिया में भ्रमण-१६०८-१६६७' शीर्षक से प्रकाशित हुई है, (आर. सी. टैंपल द्वारा सम्पादित, हैथ लुइट सोसाइटी, ५ भाग, १९०७-१९३९, भाग २२ के पृष्ठ २१३ पर) मुण्डी लिखता है-"उसके मकबरे के चारों ओर पहले ही स्वर्ण की रेलिंग है, भवन प्रारम्भ हो गया है और अत्यधिक लागत, परिश्रम, अनोखे उद्योग के साथ आगे बढ़ रहा है। सोना, चाँदी और संगमरमर तो उसमें मानो कोई साधारण वस्तु हों। शाहजहाँ चाहता है, जैसा कि कुछ लोग सोचते हैं, कि सारा शहर इस ओर कर दिया जाए, छोटी-छोटी पहाड़ियाँ समतल कर दी जाएँ जिससे कि वे इसकी भव्यता में रुकावट न बन पाएँ."
यह बहुत ही विशिष्ट उद्धरण होने पर भी नितान्त भ्रामक है। अंग्रेज यात्री पीटर मुण्डी और फ्रैंच यात्री टैवर्नियर जैसे समकालीन पाश्चात्य यात्रियों ने ऐतिहासिक अनुसन्धान के क्षेत्र में अपने लेखों द्वारा जो विप्लव मचाया है वह इस तथ्य से स्पष्ट है कि वे लेख बड़ी असावधानी से समानरूपेण व्यक्त किए गए हैं कि जो अदण्डनीय रूप से यह सिद्ध करना चाहते हैं कि ताजमहल का निर्माण शाहजहाँ ने करवाया है।
हम मुण्डी के उपरिलिखित उद्धरण का विश्लेषण यह प्रकट करने के लिए करना चाहते हैं कि वह किस प्रकार हमारी खोज का समर्थन करता है कि ताजमहल प्राचीन मन्दिर प्रासाद है, जिसे शाहजहाँ ने मकबरे के रूप में दुरुपयोग करने के लिए हथिया लिया था।
घटनावश हमारा विश्लेषण यह भी व्यक्त करेगा कि अनुसन्धाता के साधारण सावधानी और परिश्रम करने से ही कितनी सफलता से ऐसे फुसलानेवालों को सन्मार्ग दिखाया जा सकता है।
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- प्राक्कथन
- पूर्ववृत्त के पुनर्परीक्षण की आवश्यकता
- शाहजहाँ के बादशाहनामे को स्वीकारोक्ति
- टैवर्नियर का साक्ष्य
- औरंगजेब का पत्र तथा सद्य:सम्पन्न उत्खनन
- पीटर मुण्डी का साक्ष्य
- शाहजहाँ-सम्बन्धी गल्पों का ताजा उदाहरण
- एक अन्य भ्रान्त विवरण
- विश्व ज्ञान-कोश के उदाहरण
- बादशाहनामे का विवेचन
- ताजमहल की निर्माण-अवधि
- ताजमहल की लागत
- ताजमहल के आकार-प्रकार का निर्माता कौन?
- ताजमहल का निर्माण हिन्दू वास्तुशिल्प के अनुसार
- शाहजहाँ भावुकता-शून्य था
- शाहजहाँ का शासनकाल न स्वर्णिम न शान्तिमय
- बाबर ताजमहल में रहा था
- मध्ययुगीन मुस्लिम इतिहास का असत्य
- ताज की रानी
- प्राचीन हिन्दू ताजप्रासाद यथावत् विद्यमान
- ताजमहल के आयाम प्रासादिक हैं
- उत्कीर्ण शिला-लेख
- ताजमहल सम्भावित मन्दिर प्रासाद
- प्रख्यात मयूर-सिंहासन हिन्दू कलाकृति
- दन्तकथा की असंगतियाँ
- साक्ष्यों का संतुलन-पत्र
- आनुसंधानिक प्रक्रिया
- कुछ स्पष्टीकरण
- कुछ फोटोग्राफ