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ताजमहल मन्दिर भवन है

पुरुषोत्तम नागेश ओक

प्रकाशक : हिन्दी साहित्य सदन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :270
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15322
आईएसबीएन :9788188388714

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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...

विश्व ज्ञान-कोश के उदाहरण


यद्यपि पूर्ववर्ती अध्यायों में शाहजहाँ के अपने इतिहास-लेखक अब्दुल हमीद और फ्रांसीसी पर्यटक टैवर्नियर का उल्लेख करके हम सप्रमाण यह सिद्ध कर चुके हैं कि ताजमहल अधिग्रहीत हिन्दू प्रासाद है तदपि अपने पाठकों को उस सबसे परिचित कराना चाहते हैं जो तर्क ताजमहल को लेकर विगत ३०० वर्षों से चले आ रहे भ्रमपूर्ण कथानकों के प्रत्येक पक्ष पर पृथक्-पृथक् विचार करने पर उभरते हैं।

इस प्रकार के विचार-विमर्श का अंग होने के कारण परवर्ती कुछ अध्यायों में अपने पाठकों को हम स्पष्ट करेंगे कि ताजमहल के सम्बन्ध में किस प्रकार परस्पर विरोधी एवं असंगत तथ्य प्रस्तुत किये गए हैं। सर्वप्रथम हम देखें कि एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका* क्या कहता है :
* एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका संस्करण १९६४, भाग २१, पृ०१५८

"भारत में आगरा नगर के बाहर यमुना नदी के दक्षिण तट पर मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी अर्जुमन्द बानू बेगम की स्मृति में जिसे मुमताज़-ए- महल पुकारा जाता था (जिसका अपभ्रंश ताजमहल है), एक मकबरा ताजमहल के नाम से बनवाया। १६१२ में दोनों के विवाह के उपरान्त मुमताज़ शाहजहाँ की जीवन- संगिनी बनने पर १६३१ में प्रसव के समय बुरहानपुर में उसकी मृत्यु हो गई। भारत, फारस, मध्य एशिया तथा दूर-दूर के वास्तुकारों की परिषद् द्वारा योजना बनाए जाने पर १६३२ में भवन-निर्माण का कार्य प्रारम्भ हुआ। अन्तिम योजना का प्रारूप उस्ताद ईसा, जो या तो तुर्की था या पारसी, ने बनाया। यद्यपि मुख्य निर्माता, राजगीर पच्चीकारी करनेवाले तथा अन्यान्य कलाकार उस निर्माण सामग्री, जिससे कि भवन बनाया गया, की तरह भारत तथा मध्य एशिया के ही थे। यद्यपि सारा ताज परिसर पूर्ण होने से २२ वर्ष का समय लगा और उस पर ४०० लाख रुपया व्यय हुआ तदपि १६४३ तक मकबरा तैयार करने के लिए २० हजार से अधिक श्रमिक दैनिक कार्य करते रहे।"

"परिसर का उत्तर से दक्षिण की ओर चतुर्भुजाकार क्षेत्रफल ६३४४३३४ गज, मध्यवर्ती चौकोर उद्यान का क्षेत्रफल ३३४ गज है। हर छोर पर अन्त्यस्थल में एक आयताकार क्षेत्र छोड़ा गया है दक्षिण का क्षेत्र लाल बालूदार पत्थरों से बने प्रवेश-द्वार को उसके अधीनस्थ भवनों से संग्लन है। दूसरी ओर उत्तर (नदी की ओर) की ओर स्वयं मकबरा स्थापित है। मकबरा पश्चिमी तथा पूर्वी दीवारों पर दो समताकार भवनों, मस्जिद तथा उसका 'जवाब' (उत्तर) से सम्बद्ध है। ये सब लाल बालूदार पत्थरों से बनी भित्ति के अन्तर्गत समाहित हैं तथा इनके कोनों पर अष्टभुजाकार मण्डप तथा कंगूरे बने हैं जबकि बाहरी क्षेत्र में परिधि के भीतर दक्षिण की ओर अनेक उपभवन, अश्वशाला तथा आरक्षण गृह हैं। सारा परिसर बेगम का स्मारक है। क्योंकि मुगल भवनों की विधि के अनुसार भवन बन जाने के बाद उसमें कुछ भी संशोधन एवं परिवर्द्धन नहीं किया जा सकता। इसलिए यह अस्तित्ववान रूप में अभियोजित एवं अवधारित किया गया। मस्जिद तथा जवाब, जो कि मकबरे की ओर अभिमुख हैं, सहित इस स्मारक का उत्तरी द्वारा वास्तुकला की दृष्टि से नितान्त महत्त्वपूर्ण है। मस्जिद और जवाब दोनों का निर्माण लाल सीकरी के बलुआ पत्थरों से किया गया है जिनमें संगमरमर के कुंडलदार गुम्बद और द्वार हैं तथा कुछ के धरातल बन्धित चित्रांकन से सज्जित हैं। जो विशुद्ध मकराना के संगमरमर के पत्थर से बने मकबरे के भेद को स्पष्ट करता है। मकबरा १८६ वर्गाकार है। यह २३ फुट ऊँचे तथा ३१२ वर्ग फुट स्तम्भ पीठ पर स्थित है। स्तम्भ पीठ के कोने मुड़े हुए हैं और प्रत्येक कोने के अग्रभाग में एक स्थूल महराब है, यह महराब १०८ फीट ऊँचे हैं। सभी के ऊपर दो कुप्पी के आकार के गुम्बद बने हैं जो उच्च मृदंगाकृति के आश्रय हैं तथा उद्यान के धरातल से २४३ फीट की ऊंचाई पर बुर्ज स्थित हैं। प्रत्येक महराब के ऊपर भित्ति के अवरोध से क्षितिजाकृतियाँ आगे बढ़ी हुई हैं। इसी प्रकार बुर्ज तथा गुम्बद प्रत्येक कोने पर आगे उठे हुए हैं। स्तम्भपीठ के प्रत्येक कोने पर तीन मंजिलों से युक्त मुकुटाकार गुम्बद शीर्ष की १३८ फीट की ऊँचाई तक चार मीनारें बनी हैं। मकबरे के भीतर अष्टभुजाकार कक्ष है जिसमें सुन्दर नक्काशी और चित्राकृति अंकित हैं। वहीं बेगम और शाहजहाँ की नकली करें हैं। संगमरमर से बनी नकली कब्रों पर चित्रकृतियाँ अंकित हैं, इन पर बहुमूल्य रत्न जड़े हुए थे। उद्यान से धरातल पर भूगर्भ में वास्तविक कब्रें हैं। ऐसा कहा जाता है कि 'मुगलों ने इसे दानवों की भाँति आरम्भ किया था और स्वर्णकारों की भाँति समाप्त किया।' निश्चित ही ताजमहल उनकी उपलब्धि का भव्य रत्न है।"

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    अनुक्रम

  1. प्राक्कथन
  2. पूर्ववृत्त के पुनर्परीक्षण की आवश्यकता
  3. शाहजहाँ के बादशाहनामे को स्वीकारोक्ति
  4. टैवर्नियर का साक्ष्य
  5. औरंगजेब का पत्र तथा सद्य:सम्पन्न उत्खनन
  6. पीटर मुण्डी का साक्ष्य
  7. शाहजहाँ-सम्बन्धी गल्पों का ताजा उदाहरण
  8. एक अन्य भ्रान्त विवरण
  9. विश्व ज्ञान-कोश के उदाहरण
  10. बादशाहनामे का विवेचन
  11. ताजमहल की निर्माण-अवधि
  12. ताजमहल की लागत
  13. ताजमहल के आकार-प्रकार का निर्माता कौन?
  14. ताजमहल का निर्माण हिन्दू वास्तुशिल्प के अनुसार
  15. शाहजहाँ भावुकता-शून्य था
  16. शाहजहाँ का शासनकाल न स्वर्णिम न शान्तिमय
  17. बाबर ताजमहल में रहा था
  18. मध्ययुगीन मुस्लिम इतिहास का असत्य
  19. ताज की रानी
  20. प्राचीन हिन्दू ताजप्रासाद यथावत् विद्यमान
  21. ताजमहल के आयाम प्रासादिक हैं
  22. उत्कीर्ण शिला-लेख
  23. ताजमहल सम्भावित मन्दिर प्रासाद
  24. प्रख्यात मयूर-सिंहासन हिन्दू कलाकृति
  25. दन्तकथा की असंगतियाँ
  26. साक्ष्यों का संतुलन-पत्र
  27. आनुसंधानिक प्रक्रिया
  28. कुछ स्पष्टीकरण
  29. कुछ फोटोग्राफ

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