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ताजमहल मन्दिर भवन है

पुरुषोत्तम नागेश ओक

प्रकाशक : हिन्दी साहित्य सदन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :270
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15322
आईएसबीएन :9788188388714

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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...


अब हम महाराष्ट्रीय ज्ञान-कोश (एन्साइक्लोपीडिया) में उल्लिखित विवरण की तुलना करते हैं।

महाराष्ट्रीय ज्ञान-कोश* कहता है -
* महाराष्ट्रीय ज्ञान-कोश, खंड १५, पृष्ठ ३५-३६

ताजमहल की गणना संसार के सुन्दरतम भवन के रूप में होती है। यह आगरा नगर से तीन मील की दूरी पर यमुना नदी के पश्चिमी तट पर अवस्थित है। इसको बनाने के लिए २० सहस्र श्रमिकों ने श्रम किया। यह भवन तत्कालीन भारतीय वास्तुकला के चरमोत्कर्ष को सिद्ध करता है।

"सन् १६०७ में जब शाहजहाँ १५ वर्ष की आयु का था जहाँगीर (उसके पिता बादशाह) ने अर्जुमन्द बानो उर्फ मुमताज़ महल के साथ उसकी सगाई कर दी। पाँच वर्ष बाद दोनों का विवाह कर दिया गया, १६३१ में बुरहानपुर में उसकी मृत्यु हो गई। शाहजहाँ को इससे इतना प्रबल शोकाघात लगा कि वह आठ दिन तक दरबार में उपस्थित न हो सका। वह अपनी पत्नी के मकबरे के समीप बैठकर सुबकियाँ लिया करता था। उसे पहले बुरहानपुर में दफनाया गया किन्तु फिर उसका शव उखाड़कर आगरा पहुंचाया गया। आगरा के दक्षिण में राजा जयसिंह की कुछ भू-सम्पत्ति थी। बादशाह ने इसे उससे खरीदा और प्रमुख वास्तुकारों को भवन- निर्माण की योजनाओं के लिए आदेश दिया। उनमें से एक को पसन्द किया गया और तदनुरूप एक काष्ठ का नमूना तैयार किया गया। उस नमूने के आधार पर १६३१ के आरम्भ में भवन-निर्माण कार्य आरम्भ हुआ और जनवरी १६४३ में समाप्त हुआ। मखमल खाँ और अब्दुल करीम ये दो प्रमुख निरीक्षक थे। इस भवन के निर्माण में ५० लाख की लागत आई। आफरीदी के अनुसार इसमें नौ करोड़ सत्रह लाख रुपए व्यय हुए। अमानत खाँ शीराजी, ईसा राजगीर, पीरा बढ़ई, बन्नूहट, जटमुल्ला तथा जोरावर, इस्माइल खाँ सभी ने गुम्बद आदि बनाए और रामलाल कश्मीरी, भगवान आदि ने कार्य किया। भवन में २० प्रकार के उत्तम पत्थरों का प्रयोग किया गया। बादशाह सन् १६४३ में ताजमहल में प्रविष्ट हुआ और आसपास के ३० नगरों को सराय, दुकानें तथा उद्यान बनाने तथा उसके रख-रखाव के लिए एक लाख रुपए राजस्व देने के लिए बाध्य हुआ।"

इन दो विश्व ज्ञान-कोश के विवरणों की तुलना करने पर, जोकि गल्प पर आधारित उनके लेखकों को सरलता से उपलब्ध हैं, हमें विदित होता है कि वे दोनों परस्पर भिन्न हैं।

ऊपर जिस भू-सम्पत्ति का उल्लेख हुआ है, वह भ्रान्त है, क्योंकि शाहजहाँ का दरबारी इतिहास-लेखक लिखता है कि मानसिंह का विशाल प्रासाद जो भव्य उद्यान के मध्य स्थित था उसे मुमताज़ के दफनाने के लिए चुना गया।

महाराष्ट्रीय ज्ञान-कोश इस बात पर बल देता है कि शाहजहाँ ने विभिन्न प्रमुख वास्तुकारों को बुलाकर उनको अभियोजना तैयार करने का आदेश दिया और उनमें से एक को पसन्द कर लिया गया, इसके विपरीत एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका हमें यह विश्वास करने के लिए कहता है कि वास्तुकारों की परिषद् ने सम्मिलित रूप से मकबरे की अभियोजना की।

यहाँ पर हम यह पूछना चाहेंगे कि वे वास्तुकला के विद्यालय कौन से थे जहाँ इन वास्तुकारों ने अध्ययन किया अथवा शिक्षा ग्रहण की? वे मध्यकालीन मुस्लिम साहित्य की वास्तुविद्या की पाठ्य-पुस्तकें कहाँ हैं? इसके विपरीत हम प्राचीन हिन्दू वास्तुशिल्प और नागरिक अभियान्त्रिकी की पुस्तकों की वृहद् सूची प्रस्तुत कर सकते हैं। हम यह भी सिद्ध करेंगे कि किस प्रकार प्रत्येक दृष्टि से ताजमहल का हिन्दू पद्धति से निर्माण किया गया है।

दूसरा प्रश्न, जो सच्चे शोधकर्ता को स्वयं से पूछना चाहिए कि क्या शाहजहाँ के दरबारी कागजों में, जो कि दर्जनों की संख्या में प्रस्तुत किए गए हैं, क्या कोई एक भी कागज ऐसा मिला कि जिसमें ताजमहल की कोई अभियोजना अंकित हो? उन अभियोजना-पत्रकों के अतिरिक्त जो भवन सामग्री प्रयुक्त हुई है उसकी पावतियाँ, प्रतिदिन व्यय की जानेवाली राशि का विवरण और श्रमिकों का उपस्थिति रजिस्टर भी तो होना चाहिए, किन्तु यह कैसे सम्भव है कि उपरिवर्णित किसी भी प्रकार के कागज का कोई भी पर्चा प्राप्त नहीं है।

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    अनुक्रम

  1. प्राक्कथन
  2. पूर्ववृत्त के पुनर्परीक्षण की आवश्यकता
  3. शाहजहाँ के बादशाहनामे को स्वीकारोक्ति
  4. टैवर्नियर का साक्ष्य
  5. औरंगजेब का पत्र तथा सद्य:सम्पन्न उत्खनन
  6. पीटर मुण्डी का साक्ष्य
  7. शाहजहाँ-सम्बन्धी गल्पों का ताजा उदाहरण
  8. एक अन्य भ्रान्त विवरण
  9. विश्व ज्ञान-कोश के उदाहरण
  10. बादशाहनामे का विवेचन
  11. ताजमहल की निर्माण-अवधि
  12. ताजमहल की लागत
  13. ताजमहल के आकार-प्रकार का निर्माता कौन?
  14. ताजमहल का निर्माण हिन्दू वास्तुशिल्प के अनुसार
  15. शाहजहाँ भावुकता-शून्य था
  16. शाहजहाँ का शासनकाल न स्वर्णिम न शान्तिमय
  17. बाबर ताजमहल में रहा था
  18. मध्ययुगीन मुस्लिम इतिहास का असत्य
  19. ताज की रानी
  20. प्राचीन हिन्दू ताजप्रासाद यथावत् विद्यमान
  21. ताजमहल के आयाम प्रासादिक हैं
  22. उत्कीर्ण शिला-लेख
  23. ताजमहल सम्भावित मन्दिर प्रासाद
  24. प्रख्यात मयूर-सिंहासन हिन्दू कलाकृति
  25. दन्तकथा की असंगतियाँ
  26. साक्ष्यों का संतुलन-पत्र
  27. आनुसंधानिक प्रक्रिया
  28. कुछ स्पष्टीकरण
  29. कुछ फोटोग्राफ

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