इतिहास और राजनीति >> ताजमहल मन्दिर भवन है ताजमहल मन्दिर भवन हैपुरुषोत्तम नागेश ओक
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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...
इतिहास शाहजहाँ की क्रूरता के वर्णन से परिपूर्ण है, जो पाठ्य-पुस्तकों के उस वर्णन को असत्य सिद्ध करता है जिसमें उसको बड़ा कलात्मक अभिरुचि का व्यक्ति और अपनी पत्नी के प्रति आस्थावान कहा गया है। क्रूरता शाहजहाँ का जन्मजात लक्षण था। बाल्यावस्था से ही यह उसमें घर कर गई थी और शनैः-शनैः उसने उसके ही समान क्रूर उसके पिता जहाँगीर की भाँति प्रथम श्रेणी का दुरात्मा, दुष्ट बना दिया था।
शाहजहाँ की यह खलनायकता बचपन से ही अपने निकटस्थ सम्बन्धियों के प्रति प्रकट होने लगी थी, दूसरे अपरिचितों की तो बात ही क्या है। कीन की हैण्डबुक के पृष्ठ २५ पर एक विचित्र उद्धरण इसकी व्याख्या करता है। वह लिखता है कि शाहजहाँ ने "खुले विद्रोह में (अपने पिता बादशाह जहाँगीर के विरुद्ध) फतेहपुर सीकरी पर अधिकार कर लिया और आगरा को लूट लिया जहाँ डैल्ला वैल्ले, जो उस समय भारत की यात्रा पर था, के अनुसार, उसकी सेना ने क्रूरता की भी सीमा का उल्लंघन कर दिया था। नागरिकों को इतना सताया गया कि वे अपना संचित धन देने के लिए विवश हो गए और अनेक सुन्दर स्त्रियों का सतीत्व लूटा के गया और उनके अंग-भंग किए गए।
भारतीय इतिहास की यह बहुत बड़ी विडम्बना और दुर्भाग्य है कि एक लुटेरे, कुटिल, निरंकुश, अत्याचारी, डाकू और विध्वंसक की प्रशंसा और ख्याति मुमताज़ के अनुरक्त पति, कला के पुजारी, साहित्य और संरक्षक, सुन्दर भवनों के जनक और स्वर्णकाल के शासक के रूप में की जाए। यह इतिहास के अध्यापक और विद्यार्थी दोनों की बुद्धि का अपमान है।
पृष्ठ ३८ की एक टिप्पणी से कीन आगे लिखता है-"शाहजहाँ ने अपने सबसे छोटे भाई शहरयार और अपने चाचा दानियल के दो पुत्रों को मौत के घाट उतार दिया। कुछ इतिहासकार उसको अपने बड़े भाई खुसरो की हत्या का भी श्रेय प्रदान करते हैं।"
शाहजहाँ की अतिशय कामुकता और अपनी पत्नी मुमताज़ के स्वास्थ्य और सुख के प्रति नितान्त असम्बद्धता का ही परिणाम है कि १८ वर्ष से भी कम समय के विवाहित जीवन में उसे १४ बच्चों को जन्म देना पड़ा और फलस्वरूप उसकी अकाल मृत्यु हुई। १४ बच्चों की लम्बी सूची जिन्हें मुमताज़ ने १८ वर्ष से भी कम समय में जन्म दिया, जब तक कि उसने अन्तिम बच्चे को जन्म दे दिया और तब मृत्यु बोली, "इत्यलम्'। यह सब कीन की हैण्डबुक के पृष्ठ ३७ की टिप्पणी में उल्लिखित है। वह भयानक सूची जो परिवार नियोजन के विपरीत है, इस प्रकार है-१. हुरीइल निसा (कन्या) जन्म १६१२, मृत्यु १६१५, २. जहाँआरा (कन्या), जन्म १६१३ जिसके साथ बाद में कहा जाता है कि शाहजहाँ ने अवैध सम्बन्ध स्थापित कर लिये थे। ३. मोहम्मद दाराशिकोह, जन्म १६१४, ४. मोहम्मद शाहशुजा, जन्म १६१५, ५. रोशनारा (कन्या), जन्म १६१६, ६. मोहम्मद औरंगजेब, जन्म १६१७, यही वह औरंगजेब है जो इतिहास में काले अक्षरों से अंकित है। उसने अपने सभी शत्रुओं को मारने और अपमानित करने में अपने पिता के उदाहरण का अनुसरण किया था। ७. उम्मेद बख्त, जन्म १६१९, मृत्यु १६२१, ८. सुरैया बानो, जन्म १६२०, मृत्यु १६२७, ९. एक अनाम पुत्र १६२१ में उत्पन्न हुआ और तुरन्त मर गया। १०. मुराद बक्श, जन्म १६२३, ११. लतफुल्ला, जन्म १६२६ और अगले वर्ष मृत्यु, १२. दौलत अफजल, जन्म १६२७ और आगामी वर्ष मृत्यु, १३. अनाम कन्या १६२८ में जन्म के तुरन्त बाद मृत्यु, १४. गौहरा, (कन्या) जन्म १६२९, इस वर्ष ही और इस बच्चे के प्रसव के समय ही मुमताज़ की मृत्यु हुई।
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- प्राक्कथन
- पूर्ववृत्त के पुनर्परीक्षण की आवश्यकता
- शाहजहाँ के बादशाहनामे को स्वीकारोक्ति
- टैवर्नियर का साक्ष्य
- औरंगजेब का पत्र तथा सद्य:सम्पन्न उत्खनन
- पीटर मुण्डी का साक्ष्य
- शाहजहाँ-सम्बन्धी गल्पों का ताजा उदाहरण
- एक अन्य भ्रान्त विवरण
- विश्व ज्ञान-कोश के उदाहरण
- बादशाहनामे का विवेचन
- ताजमहल की निर्माण-अवधि
- ताजमहल की लागत
- ताजमहल के आकार-प्रकार का निर्माता कौन?
- ताजमहल का निर्माण हिन्दू वास्तुशिल्प के अनुसार
- शाहजहाँ भावुकता-शून्य था
- शाहजहाँ का शासनकाल न स्वर्णिम न शान्तिमय
- बाबर ताजमहल में रहा था
- मध्ययुगीन मुस्लिम इतिहास का असत्य
- ताज की रानी
- प्राचीन हिन्दू ताजप्रासाद यथावत् विद्यमान
- ताजमहल के आयाम प्रासादिक हैं
- उत्कीर्ण शिला-लेख
- ताजमहल सम्भावित मन्दिर प्रासाद
- प्रख्यात मयूर-सिंहासन हिन्दू कलाकृति
- दन्तकथा की असंगतियाँ
- साक्ष्यों का संतुलन-पत्र
- आनुसंधानिक प्रक्रिया
- कुछ स्पष्टीकरण
- कुछ फोटोग्राफ