इतिहास और राजनीति >> ताजमहल मन्दिर भवन है ताजमहल मन्दिर भवन हैपुरुषोत्तम नागेश ओक
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पी एन ओक की शोघपूर्ण रचना जिसने इतिहास-जगत में तहलका मचा दिया...
यह सारा काल युद्धों, विद्रोहों, दमनकारी सैनिक कार्यवाहियों और अकाल से पूर्ण रहा। पाठकों की जानकारी के लिए शाहजहाँ के शासनकाल का वर्षानुवर्ष का व्योरा नीचे दिया जा रहा है जो स्पष्टतया इस पारम्परिक मान्यता का खण्डन करेगा कि वह शान्ति और समृद्धि का काल था, जिस काल में वह यह सब कुछ करना चाहता था। वह हर घंटे संभोग में व्यस्त रहे और फिर भव्य एवं विशाल भवनों का निर्माण कर ले, मानो यह सब जादू का खेल हो।
यह सब विवरण* इलियट और डौसन द्वारा मुल्ला अब्दुल हमीद लाहौरी कृत बादशाहनामा, इनायत खाँ का शाहजहाँनामा, मोहम्मद वारिस का बादशाहनामा, मोहम्मद काम्बू का अमल-ए-सलीह और मुहम्मद सादिक खाँ के शाहजहाँनामा के सारे तथ्यों का अनूदित संकलन है जो इस प्रकार है-
* इलियट एण्ड डौसन का इतिहास, भाग ७, पृष्ठ ३-१३३
१. शाहजहाँ के गद्दीनशीन होने पर नरसिंहदेव का पुत्र जुझार आगरा छोड़कर उंड़छा के लिए चला गया, जहां उसकी स्थिति अच्छी थी और वहाँ जाकर उसने अपनी शक्ति को और भी बढ़ाया। महावतखान खानखाना के अधीन उसके विरुद्ध एक टुकड़ी भेजी गई।
२. खानजहाँ के विरुद्ध अभियान में धौलपुर के निकट एक युद्ध लड़ा गया।
३. शासन के तीसरे वर्ष नासिक और त्र्यम्बक को जीतने के लिए ८ हजार अश्वारोही भेजे गए।
४. जदुराय, उसके पुत्रों, पौत्रों और सम्बन्धियों ने शाही सरकार से मनसबें ली। जदुराय अपने दो पुत्रों उजला और रघु तथा पौत्र बलवन्त के साथ पकड़वाकर मार डाला गया।
५. निजामशाह और खानजहाँ के विरुद्ध देवलगाँव, बगलान, संगमनेर, चगडोर दुर्ग, भीड़, शेगांव, धरणगांव, चालीसगाँव और मंजीरा दुर्ग के आसपास एक अभियान किया गया। मंसूरगढ़ पर अधिकार किया गया।
६. शासन के छठे वर्ष खानजहाँ देपालपुर, उज्जैन और नवलाई की ओर भाग गया। उसकी सेना के लगभग चार सौ अफगान और दो सौ बुन्देले मार डाले गए। धरूर दुर्ग पर अधिकार कर लिया गया।
७. परेण्डा (अहमदनगर और शोलापुर के मध्य स्थित) पर आक्रमण किया गया।
८. औरंगाबाद से ५० मील उत्तर-पूर्व पर सिटुंडा-दुर्ग पर अधिकार कर लिया गया।
९. कन्दहार (नान्देड़ से २५ मील दक्षिण-पश्चिम और धरूर से ७५ मील पूर्व) ले लिया गया।
१०. बीजापुर के मोहम्मद आदिलशाह के विरुद्ध शासन के पाँचवे वर्ष कार्यवाही की गई।
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- प्राक्कथन
- पूर्ववृत्त के पुनर्परीक्षण की आवश्यकता
- शाहजहाँ के बादशाहनामे को स्वीकारोक्ति
- टैवर्नियर का साक्ष्य
- औरंगजेब का पत्र तथा सद्य:सम्पन्न उत्खनन
- पीटर मुण्डी का साक्ष्य
- शाहजहाँ-सम्बन्धी गल्पों का ताजा उदाहरण
- एक अन्य भ्रान्त विवरण
- विश्व ज्ञान-कोश के उदाहरण
- बादशाहनामे का विवेचन
- ताजमहल की निर्माण-अवधि
- ताजमहल की लागत
- ताजमहल के आकार-प्रकार का निर्माता कौन?
- ताजमहल का निर्माण हिन्दू वास्तुशिल्प के अनुसार
- शाहजहाँ भावुकता-शून्य था
- शाहजहाँ का शासनकाल न स्वर्णिम न शान्तिमय
- बाबर ताजमहल में रहा था
- मध्ययुगीन मुस्लिम इतिहास का असत्य
- ताज की रानी
- प्राचीन हिन्दू ताजप्रासाद यथावत् विद्यमान
- ताजमहल के आयाम प्रासादिक हैं
- उत्कीर्ण शिला-लेख
- ताजमहल सम्भावित मन्दिर प्रासाद
- प्रख्यात मयूर-सिंहासन हिन्दू कलाकृति
- दन्तकथा की असंगतियाँ
- साक्ष्यों का संतुलन-पत्र
- आनुसंधानिक प्रक्रिया
- कुछ स्पष्टीकरण
- कुछ फोटोग्राफ