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मिस आर - आरंभ

दिशान्त शर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 15962
आईएसबीएन :978-1-61301-699-2

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भारत  की  पहली  महिला  सुपर हीरोइन ‘मिस -आर' जो खुद एक बलात्कार पीड़िता और एसिड पीड़िता है लेकिन उसकी ‘औरा पावर’ ने उसे एक नया अवतार दिया है। वो खुद की और लोगों की मदद करना चाहती है...

3

दर्द और शक्ति

अगले दो दिन तक कैथरीन ने पापा से कोई बात नहीं की। यह नाराजगी औरलम्बी रहती, अगर पापा को कैथरीन कोमनाने का तरीका मालूम न होता तो। शाम को आते ही पापा ने कैथरीन को आवाज दी, “कैथरीन बेटा, बाहर आओ, देखो आज पापा क्या लाए हैं?” कैथरीन जैसे ही बाहर आई, उसकीनजर पापा के हाथों पर गई और वह समझ गई कि युद्धविराम का वक्त आ गया। पापा के हाथ में उसके पंसदीदा “महादेव फूड कार्नर” का प्रसिद्ध मसाला डोसा और फ्राइड इडली थी, जो कैथरीन की हमेशा से कमजोरी रही है। साथ ही पापा के पास एक पार्सल और था। वह फिर समझ गई कि इसमें निश्चित तौर पर उसकी मनपसंद “रसमलाई” होगी। यह दोनों दुकानें उसके घर से एक घंटे की दूरी पर थीं, इसी कारण कैथरीन ये डिशें कभी-कभार ही खा पाती थी। परंतु प्यारे पापा अक्सर उसके लिए ये ले ही आते थे। अगले चालीस मिनट तक कोई कुछ नहीं बोला। कैथरीन बिना बोले, बिना रूके खाती रही और पापा उसे स्नेह से देखते रहे, खाने के बाद कैथरीन अपने पापा के गले लगकर बोली, “आई लव यू पापा।”

“आई लव यू टू बेटा” पापा ने भी उसे प्यार से पुचकारते हुए कहा।

आज 16 अप्रैल की सुबह है, कैथरीन कालेज के लिए तैयार हो रही है। आज कालेज में पढ़ाई का आखिरी दिन है, इसके बाद सीधे मई में परीक्षा होगी और जून में परिणाम आएगा। पापा सुबह-सुबह ही अपने संस्थान के लिए निकल गये थे। तैयार होने के बाद कैथरीन भी कालेज के लिए निकल गई।

दोपहर हो चुकी थी। कालेज खत्म हो गया था। सभी विद्यार्थी अपने-अपने घरों के लिए निकल रहे थे, कैथरीन ने वीणा को घर तक छोड़ने का वादा किया था, इसलिए वह कालेज के बाहर अपनी गाड़ी में उसका इंतजार कर रही है। कुछ देर बाद वीणा बाहर आई। वीणा दुबली-पतली तीखे नैन-नक्श वाली 20-21 साल की लड़की है, जो कि आमतौर पर सलवार सूट ही पहनती थी।

“आ गईं मैडम चलें।” कैथरीन ने हँसते हुए वीणा से कहा।

“जी हूजूर।” वीणा ने भी हँसते हुए कहा।

दोनों सहेलियाँ बातें करते हुए जा रही थीं।

“बी.एस.सी. के बाद तेरा क्या प्लान है?” वीणा ने पूछा।

कैथरीन ने कहा,“मैं दिल्ली जाकर वहाँ यूनिवर्सिटी से बायोलाजी में एम.एस.सी करूँगी,”

“लेकिन मैं तो यहीं पर रहकर फिजिक्स में एम.एस.सी. करूँगी।” वीणा ने कहा।

“हाँ, तू तो यहीं से करेगी ही..ऐसा न हो कि तू कहीं बाहर जाए और तेरा राहुल अरूणा के चक्कर में पड़ जाए, क्यों मैडम?” कैथरीन ने हँसते हुए कहा। वीणा उसकी बात का कोई जवाब देती इससे पहले ही कैथरीन को खाँसी आई और गाड़ी का संतुलन बिगड़ने लगा। वीणा घबरा गई और बोली “तू ठीक तो है ना कैथरीन?”

कैथरीन ने रोड की साइड में गाड़ी रोक दी। वह अचानक दिल में तेज दर्द महसूस करने लगी थी। बहुत दर्द हो रहा था और बढ़ता ही जा रहा था। वीणा उससे लगातार पूछ रही थी परंतु कैथरीन जवाब नहीं दे रही थी। कैथरीन ने जब इशारे से दर्द की बात बताईतो वीणा ने उसे पीछे बैठाया और खुद तुरंत गाड़ी चलाकर उसे नजदीक के सरकारी अस्पताल ले गई जो हृदय रोग के उपचार के लिए मशहूर था। वीणा ने गाड़ी खड़ी की। कैथरीन को सहारा देकर तुरंत “इमरजेंसी” वाले हिस्से में ले गई। वहाँ पर डा. आयशा ड्यूटी पर थीं जो मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ थीं। वीणा ने उन्हें पूरी बात बताई और मदद के लिए कहा। डा. आयशा ने तुरंत कैथरीन को लिटाकर जाँच शुरू की, फिर नर्स को बुलाकर तुरंत कैथरीन को कुछ और जाँच के लिए भेजा।

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    अनुक्रम

  1. अनुक्रमणिका

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