जीवन कथाएँ >> लज्जा लज्जातसलीमा नसरीन
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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...
सुरंजन फोन का डायल घुमाता है। दिलीप दे, जो कभी तेज छात्र नेता रहे हैं, अचानक उनका नम्बर याद आया। दिलीप दे घर पर ही थे।
'कैसे हैं दादा? कोई असुविधा तो नहीं है? कोई घटना तो नहीं घटी?'
'नहीं कोई असुविधा तो नहीं, लेकिन शान्ति नहीं है। और मेरे साथ घटने को क्या है? सारे देश में ही तो घट रहा है।'
'हाँ, वह तो है!'
'तुम कैसे हो? चट्टग्राम की हालत तो अवश्य सुने ही होंगे?'
'कैसी हालत?'
'संदीप थाना के बाउरिया में तीन, कालापानिया में दो, मगधराय में तीन, टेउरिया में दो, हरिशपुर में एक, रहमतपुर में एक, पश्चिम सारिकाइ में एक और माइटडांगा में भी एक मन्दिर तोड़ा गया है। पश्चिम सारिकाइ में सुचारु दास नामक एक आदमी को मारपीट कर पन्द्रह हजार रुपये ले गये। टोकातली में दो घरों को लूटकर दो व्यक्तियों को छुरा मार दिया है। पटिया थाना के कचुआ में एक घर, भाटकाइन में एक मन्दिर...'
‘आपको इस तरह एक-दो का हिसाब कहाँ से मिला?'
'अरे, मैं तो चिटागांग का लड़का हूँ न? उन इलाकों में क्या हो रहा है खबर न लेने पर भी खबर आ ही जाती है। और सुनो, बाँसखाली थाना के बइलछड़ी में तीन, पूर्व चम्बल में तीन घरों को तोड़ दिया है। रांगुनिया थाने में सरफभाटा यूनियन में पाँच घरों, पायरा यूनियन में सात घरों, शिलक यूनियन में एक मन्दिर, चन्दनाइश थाना के बादामतली में एक मन्दिर और जोआरा के एक मन्दिर को लूटा गया। बाद में उसे तोड़ भी दिया। अनवरा थाने के बोआलगाँव में चार मन्दिर व एक घर और तेगोटा में सोलह घरों पर हमला हुआ, लूटपाट हुई, तोड़फोड़ हुई। बोआलखाली थाने के 'मेघसमुनि आश्रम' में आग लगा दी गयी।'
'मैंने सुना है कि कैवल्यधाम, तुलसीधाम आश्रम, अभय मित्र श्मशान, श्मशान कालीबाड़ी, गोपाल पहाड़ श्मशान कालीबाड़ी, पंचधाम समेत दस कालीबाड़ियों को पूरा जला दिया गया है!' सुरंजन ने कहा।
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