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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :9789352291830

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


हैदर माथा सिकोड़ते हुए कहता है, 'हाँ वंचित किया है। इन सारे सवालों का जवाब सुरंजन भी जानता है और हैदर भी। सुरंजन भी जानता है कि इन सवालों के जवाब के मामले में हैदर और वह एकमत हैं। फिर भी सवाल करने का अर्थ है। हैदर सोचता है कि सुरंजन एक विशेष समय में ये सवाल करके उसकी परीक्षा ले रहा है-हैदर भीतर-ही-भीतर कहीं से थोड़ा-सा भी साम्प्रदायिक है या नहीं! इसीलिए तो उसने इन सवालों के जरिये आठवें संविधान संशोधन का प्रसंग छेड़ा।

सुरंजन ने सिगरेट का आखिरी हिस्सा ‘एशट्रे' में दबाते हुए कहा, 'मेरा अंतिम सवाल है कि 'ब्रिटिश भारत' में भारत से अलग राष्ट्र बनाने की कोशिश के तहत आरोपित दो राष्ट्रीयताओं के जटिल भँवर में बांग्लादेश को फिर से लपेटने की यह कुचेष्टा क्यों और किसके स्वार्थ के लिए है?'

हैदर इस बार कोई जवाब न देकर एक सिगरेट सुलगाता है। धुआँ छोड़कर बोला, 'जिन्ना ने खुद भी द्विराष्ट्रीयता को राष्ट्रीय ढाँचे के तहत रद्द करते हुए कहा था-आज से मुसलमान, हिन्दू, क्रिश्चियन, बौद्ध राष्ट्रीय जीवन में अपने-अपने धार्मिक पहचान से नहीं जाने जायेंगे। सभी धर्म निर्विशेष एक राष्ट्र पाकिस्तान के नागरिक होंगे-पाकिस्तानी। वे सिर्फ 'पाकिस्तानी' के रूप में परिचित होंगे।'

सुरंजन अधलेटी अवस्था से सीधा होकर बैठता है। फिर बोला, 'पाकिस्तान ही शायद अच्छा था! तुम्हारा क्या ख्याल है?'

हैदर उत्तेजित होकर खड़ा हो गया। बोला, 'असल में पाकिस्तान तो कभी ठीक नहीं था। हाँ, पाकिस्तान में तुम्हारे लिए उम्मीद करने वाली कोई बात नहीं थी। बांग्लादेश होने के बाद तुम लोगों ने सोच लिया इस देश में तुम्हें सब तरह का अधिकार रहेगा क्योंकि यह है सेकुलर राष्ट्र। लेकिन यह देश जब तुम्हारे सपनों को पूरा करने में बाधक बना, तब तुम्हें ज्यादा चोट पहुँची।'

सुरंजन अट्टहास कर उठा। हँसते-हँसते बोला, 'अंततः तुम भी कितनी अच्छी तरह 'तुम्हारी उम्मीद', 'तुम्हारे सपने' कह गये! यह 'तुम लोग' कौन हैं? हिन्दू ही तो? तुमने मुझे भी हिन्दुओं में शामिल कर ही दिया? इतने दिनों तक नास्तिकता में विश्वास रखने का यही फायदा हुआ मुझे?'

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