कहानी संग्रह >> बाजे पायलियाँ के घुँघरू बाजे पायलियाँ के घुँघरूकन्हैयालाल मिश्र
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सहज, सरस संस्मरणात्मक शैली में लिखी गयी प्रभाकर जी की रचना बाजे पायलियाँ के घुँघरू।
राम ने कहा :
राम और रावण प्रतिकूल परिस्थितियों में आ खड़े हुए। वही युद्ध की परिस्थितियाँ, परिणाम में युद्ध और युद्ध में एक पक्ष का सर्वनाश और दूसरे पक्ष की विजय।
राम के जीवन ने क्या कहा? यही कि युद्ध पशुता है, संस्कृति के विरुद्ध है, यदि हम न्याय-अन्याय और सत्य एवं असत्य का विचार किये बिना लड़ें, पर यदि हमारी न्यायपूर्ण एवं सत्यपूर्ण बात को भी दूसरा न माने तो हम शक्ति और साधनों की चिन्ता किये बिना लड़ें, यह पशुता नहीं है, संस्कृति के विरुद्ध नहीं है। इस दशा में यह निश्चित है कि जीत हमारी ही होगी; क्योंकि सत्यमेव जयते-जीत तो सत्य की ही होती है।
क्या बात हई यह? यही कि यदि विरोधी हमारी बात न माने तो हम उससे लड़ें, उसे मिटा दें, यह अब तक का नियम था। राम ने इसमें जोड़ा-पर हमारी बात न्याय से पूर्ण हो, सत्य से पूर्ण हो।
राम का निर्णय अन्धकार में प्रकाश की पहली किरण थी-हम अन्धाधुन्ध न लड़ें, सत्य के, न्याय के पक्ष में होकर ही लड़ें, असत्य केअन्याय के विरुद्ध अवश्य लड़ें और इस विश्वास के साथ कि सत्य कभी नहीं हारता, हमारी जीत निश्चित है।
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- उग-उभरती पीढ़ियों के हाथों में
- यह क्या पढ़ रहे हैं आप?
- यह किसका सिनेमा है?
- मैं आँख फोड़कर चलूँ या आप बोतल न रखें?
- छोटी कैची की एक ही लपलपी में !
- यह सड़क बोलती है !
- धूप-बत्ती : बुझी, जली !
- सहो मत, तोड़ फेंको !
- मैं भी लड़ा, तुम भी लड़े, पर जीता कौन?
- जी, वे घर में नहीं हैं !
- झेंपो मत, रस लो !
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- जब मैं पंचायत में पहली बार सफल हुआ !
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- चिड़िया, भैंसा और बछिया
- पाँच सौ छह सौ क्या?
- बिड़ला-मन्दिर देखने चलोगे?
- छोटा-सा पानदान, नन्हा-सा ताला
- शरद् पूर्णिमा की खिलखिलाती रात में !
- गरम ख़त : ठण्डा जवाब !
- जब उन्होंने तालियाँ बजा दी !
- उस बेवकूफ़ ने जब मुझे दाद दी !
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- जब मैंने नया पोस्टर पढ़ा !
- अजी, क्या रखा है इन बातों में !
- बेईमान का ईमान, हिंसक की अहिंसा और चोर का दान !
- सीता और मीरा !
- मेरे मित्र की खोटी अठन्नी !
- एक था पेड़ और एक था ठूंठ !
- लीजिए, आदमी बनिए !
- अजी, होना-हवाना क्या है?
- अधूरा कभी नहीं, पूरा और पूरी तरह !
- दुनिया दुखों का घर है !
- बल-बहादुरी : एक चिन्तन
- पुण्य पर्वत की उस पिकनिक में