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आजाद हिन्द फौज की कहानी

एस. ए. अय्यर

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :97
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 4594
आईएसबीएन :81-237-0256-4

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आजाद हिन्द फौज की रोचक कहानी....


29. नेताजी का विवाह

क्योंकि नेताजी अपने 38 करोड़ देशवासियों को मुक्त कराने हेतु जीवन-मृत्यु के क्रांतिकारी संघर्ष में व्यस्त थे अत: उन्होंने जानबूझकर अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को बहुत दूर रखा। उन्होंने राष्ट्रीय संघर्ष के संदर्भ में जिसमें वे अत्यधिक संलग्न थे, अपनी निजी समस्याओं को महत्व नहीं दिया। पूर्वी एशिया में किसी व्यक्ति ने उन्हें प्रत्यक्ष रूप से भारत में अपने परिवार के किसी सदस्य के संबंध में कोई विचार प्रकट करते नहीं सुना। यहां तक कि उन्होंने अपनी श्रद्धेय माताजी अथवा प्रियतम अग्रज शरत चंद्र बोस के विषय में भी कभी कुछ नहीं कहा। अपने परिवार के अधिकांश व्यक्तियों में उनकी अत्यंत श्रद्धा थी। उनका सिद्धान्त था कि उनके निजी मामले व्यक्तिगत थे अत: उन्होंने इनको राष्ट्रीय विषयों के बीच जिनके लिए वे अपना पूरा समय और शक्ति लगा रहे थे, कभी नहीं आने दिया। यही कारण था कि जब पूर्वी एशिया में विदेशी संवाददाताओं ने उनसे उनके विवाह संबंधी बात की तो उन्होंने उनके प्रश्नों को टाल दिया। उनका दृढ़ विश्वास था कि उनके विवाह का विषय पूर्णरूप से व्यक्तिगत था और इस विषय की ओर किसी व्यक्ति अथवा जनता का ध्यान उस समय तक नहीं जाना चाहिए जब तक वे देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में लगे थे।

पूर्वी एशिया में 1943 से 1945 तक जो व्यक्ति उनके अति निकट रहे वे भी नहीं जानते थे कि नेताजी विवाहित थे अथवा नहीं। पूर्वी एशिया में युद्ध समाप्त होने के पश्चात् जब वे अदृश्य हुए तो भारत के समाचारपत्रों में उनके विवाह संबंधी अनेक बातें कही जाने लगीं। तब अप्रैल 1951 में आई.एन.ए. की सलाहकार समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने समाचारपत्रों को बयान दिया कि उन्होंने इस संबंध में कुछ प्रत्यक्ष रूप से जानबूझकर नहीं कहा था क्योंकि यह नेताजी का व्यक्तिगत मामला था। परंतु इस विषय में एक विवाद खड़ा हो जाने के कारण उन्होंने उद्घाटित किया कि 1942 में नेताजी ने अपने जर्मन निवास के समय मिस एमली शैंकल, जो यूरोप में कई वर्ष तक उनकी निकट की सहयोगी और सहकार्यकर्ता रही थी, से विवाह कर लिया था। "हम जानते हैं कि जब नेताजी ने विवाह के एक वर्ष उपरांत दक्षिणी पूर्वी एशिया के भारतीयों को स्वतंत्रता युद्ध में नेतृत्व प्रदान करने
के लिए जर्मनी से पूर्वी एशिया की संकटपूर्ण यात्रा पर प्रस्थान किया तो उनकी पत्नी ने उन्हें उसी रीति से विदाई दी जिस रीति से प्राचीनकाल में युद्ध पर जाते समय वीरों को उनकी पत्नियां विदाई देती थीं। इसके लिए वे हमारे सम्मान की पात्र हैं। उस समय उनकी गोद में दो मास का शिशु भी था।"

नेताजी की पत्नी अब वियना में रहती हैं और नेताजी की पुत्री अनिता जो 1961 में भारत आयीं थीं अब विवाहित हैं और अमेरिका में रहती हैं।

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