जीवनी/आत्मकथा >> मुझे घर ले चलो मुझे घर ले चलोतसलीमा नसरीन
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औरत की आज़ादी में धर्म और पुरुष-सत्ता सबसे बड़ी बाधा बनती है-बेहद साफ़गोई से इसके समर्थन में, बेबाक बयान
इसके बाद, फ्रेंच महिला-पत्रकारों का घरेलू कार्यक्रम! वहाँ गप-शप ख़ासी जम उठी। मुझे बांग्लादेश की औरतों की स्थिति के बारे में बोलना पड़ा। फ्रेंच नारी-पत्रकार संगठन ने मुझे अपनी सदस्या बना लिया। लंदन की टाइम पत्रिका की एक पत्रकार
मुझ पर एक राइट-अप तैयार करना चाहती है! मेरा समूचा दिन कैसे गुज़रता है, वह इस बारे में लिखेगी। उसने आज या कल मुझसे थोड़ा-सा वक्त माँगा, लेकिन मेरे पास क्या वक्त है: कितना-सा है? खैर, यह बात मुझसे ज़्यादा और लोग जानते हैं। मर मिनट-मिनट का हिसाव क्रिश्चन वेस के पास मौजूद है।
सुबह के नाश्ते के लिए सिमोन वेइल, नारी कल्याण मंत्री का आयोजन ! उन्होंने विख्यात नारीवादी लोगों को बुला रखा था। मेरे देश में, मुझ पर चल रहे मुकदमे के बारे में क्या किया जाए, वे लोग इस पर सोच-विचार कर रही थीं।
सिमोन वेइल से मुझे मिलना था, लेकिन मेरे पास वक्त नहीं था। न लंच के लिए, न डिनर के लिए! अस्तु, यह तय हुआ कि सुबह का नाश्ता, सिमोन वेइल के यहाँ किया जाएगा: सिमान वेइल असाधारण महिला हैं! सवसे खौफनाक कन्सन्ट्रेशन कैंप आउसवित्ज़ से लौटकर आयी हुई महिला! उस कैंप से बहुत कम ही लोग लौटे हैं, 1 सिमोन वेइल की माँ और बहन वहाँ से वापस नहीं लौटीं। यही सिमोन वेइल सन् सत्तर के दशक में स्वास्थ्य मंत्री थीं। सन् 1974 से सन् 1979 तक! सिमोन वेइल ही फ्रांस के इतिहास में पहली महिला केबिनेट मंत्री थीं। फ्रांस लाइक समाज! लाइक का मतलव था धर्महीन! लेकिन कैथोलिक कट्टरवादियों का उत्पात यहाँ कम नहीं है। इन दिनों ऐसा नहीं है, लेकिन उन दिनों कैथोलिक कट्टरवादियों ने भयंकर उत्पात मचा रखा था। उन दिनों वाक़ायदा ज़बर्दस्त जंग करके उन्होंने इस देश में गर्भपात को वैध कराया। वह दिन था, सन् 1975 की 17 जनवरी! वे कई वर्षों तक यूरोपियन पार्लियामेंट की प्रेसीडेंट भी रह चुकी हैं। सन् 1979 से 1982 तक वे इस पद पर क़ायम रहीं। नाश्ते की मेज़ पर दुभाषिए के जरिए, इस नारी कल्याण मंत्री से परिचय हआ। सिमोन वेइल अंग्रेजी नहीं जानतीं। इसलिए सीधे-सीधे बातचीत का कोई मौका नहीं था। जितनी भी महिला मंत्रियों से मेरी भेंट हुई है, सभी दुभाषिया इस्तेमाल करती हैं। बांग्ला-फ्रेंच दुभाषिए के लिए वे लोग समूचा फ्रांस छान डालने के लिए तैयार थीं, लेकिन मैंने ही कहा कि अंग्रेजी-फ्रेंच दुभाषिया ही उपयक्त रहेगा। मैंने रेडियो-टेलीविजन के कार्यक्रमों के लिए भी हिदायत दे दी है कि किसी अनाड़ी छोकरी के चुनाव के बजाय, कोई अच्छा अनुवादक तलाश करें।
भेंट करने और साक्षात्कार के लिए लोगों की दौड़-धूप जारी है। बहुत से लोगों को खारिज भी कर दिया जाता है।
कैनेल पूस जैसे टेलीविजन के लोकप्रिय कार्यक्रम को भी मैंने सस्ता करके लगभग खारिज कर दिया था। हाँ, यह सच है कि ढेरों लोकप्रिय पत्रिकाओं और अख़बारों को सस्ता कहकर उड़ा दिया गया। उधर साक्षात्कार का 'स' भी नहीं जाता। पैरी मैच नामक एक लोकप्रिय पत्रिका काफी चक्कर लगाने के बावजूद मुझसे दो मिनट बातें करने का मौका नहीं प्राप्त कर पायी। यह मैं क्या बन गयी हूँ? मैं कोई जो-सो तारिका नहीं हूँ। सिर्फ ऊँचे-ऊँचे बुद्धिजीवी लोगों को ही मुझसे बातचीत करने या वैचारिक आदान-प्रदान का मौका नसीव होता है। वाकी लोग अछूत! में खुद अपने को पहचान नहीं पाती।
फन्याक मुझे वाल्टेयर की मूर्ति थमा गयीं।
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