लोगों की राय

बहुभागीय पुस्तकें >> राम कथा - अभियान

राम कथा - अभियान

नरेन्द्र कोहली

प्रकाशक : हिन्द पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 1997
पृष्ठ :178
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 529
आईएसबीएन :81-216-0763-9

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

34 पाठक हैं

राम कथा पर आधारित उपन्यास, छठा सोपान


तार की बात सुनकर हनुमान अत्यन्त विचलित हो उठे। तार का तो यह मत था ही, अन्य  लोग भी उससे सहमत प्रतीत हो रहे थे। कोई भी उसका विरोध नहीं कर रहा था।...प्राणों के भय से इन लोगों की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। इन्हें इस समय न राक्षसों का अत्याचार स्मरण रह गया है, न अपने अभियान का लक्ष्य। ये लोग सर्वथा भूल गए हैं कि इन्हीं के

भरोसे, किष्किंधा में सुग्रीव अपना वचन पूरा करने का विश्वास लिए बैठे हैं। राम और लक्ष्मण इन्हीं की सूचनाओं के आधार पर, राक्षसों से युद्ध कर, न केवल सीता का उद्धार, वरन् राक्षसी आतंक के सार्वभौम अंधकार को नष्ट करने की तैयारी कर रहे हैं...और ये चंचल चित्त मूर्ख वानर, अपनी सारी बुद्धि अपने कर्तव्य से भागने के लिए व्यय कर रहे हैं।...इतना ही नहीं, अपनी जड़ता के कारण जिस विषैली राजनीति को ये जन्म दे रहे हैं-उसके परिणाम के प्रति पूर्णतः अनभिज्ञ बैठे हैं...किसी ने ठीक ही इस जाति का 'वानर' नाम दिया है।...सीता की खोज और राक्षसों के विरुद्ध युद्ध की क्या बात, ये तो पारस्परिक आंतरिक कलह से किष्किंधा के  वानर-राज्य का भी ध्वंस करेंगे...

...अंगद के मन में सुग्रीव की ओर से अनेक आशंकाएं हैं। सुग्रीव ने तारा से विवाह कर,  भंयकर भूल की है। अंगद के मन में तभी से सुग्रीव के विरोध का शूल चुभ गया है। वयस्क पुत्र, किसी भी अन्य पुरुष से अपनी माता का दाम्पत्य सम्बन्ध स्वीकार नहीं कर पाता।  सुग्रीव, लाख अंगद को अपना पुत्र मानें; किन्तु अंगद उन्हें अपने पिता के रूप में कैसे स्वीकार करेगा...बात परस्पर सम्बन्धों तक रहती तो विशेष संकट नहीं था, पर तार तो उसे राजनीति में घसीट रहा है वह, यहां अंगद का राज्याभिषेक कर, एक अन्य वानरराज्य की नींव डाल रहा है। निश्चित रूप से इससे अंगद और सुग्रीव के मन में छिपी आशंकाएं तल के ऊपर आ  जाएंगी। और वे खुल कर शत्रुता का रूप ले लेंगी। दोनों पक्ष स्वयं को शक्तिशाली बनाना चाहेंगे। सुग्रीव की शक्ति और कैसे बढ़ सकती है-पर असिगुल्म तथा उसके साथी अपनी वाहिनियों के साथ अंगद के पक्ष में हो जाएंगे। बाली का पुत्र होने के नाते लोगों को अंगद, किष्किंधा का न्याय-संगत राजा लगेगा। अंगद को जन-सामान्य की सहानुभूति जीतने में समय ही कितना लगेगा...और फिर युद्ध हुआ तो विजयी चाहे अंगद हो अथवा सुग्रीव-वानर-राज्य की शक्ति ध्वस्त हो जाएगी। फिर राक्षसों का नाश बहुत दूर की बात हो जाएगी; राक्षसों से किष्किंधा को बचाना भी सम्भव होगा क्या? थोड़ी देर हनुमान अपने मन में नीति निर्धारित करते रहे; फिर धैर्यपूर्वक बोले, ''युवराज, आप दल के नायक हैं। आप अपनी इच्छानुसार, जो उचित समझें, निश्चय कर सकते हैं। पर एक बात मेरी भी सुन लें।''

अंगद ने अपनी हताश आंखें हनुमान की ओर फेरीं। ''आज ये लोग आपको वानरराज के विरूद्ध भड़काकर, आपका उनसे विरोध करा, आपको राज्याभिषेक का प्रलोभन दे रहे हैं।'' हनुमान शब्दों को चबा-चबाकर बोले, ''इनकी चंचलता क्या इसी से सिद्ध नहीं है कि ये लोग अपने राजा को दिया गया वचन भूलकर नये राज्य की स्थापना का स्वप्न देख रहे हैं। कल, जब इन लोगों को अपनी पत्नी, संतानों तथा परिवार के अन्य सदस्यों की याद आएगी तो क्या इनकी चंचलता पुनः नहीं उभरेगी? इनके अपराध के कारण, जब वानरराज सुग्रीव, इनके परिवारों को अंधकूप में डलवा देंगे, तो ये लोग न केवल आपको छोड़कर भाग जाएंगे; वरन् वानरराज के पास  जाकर, आप पर राजद्रोह का आरोप सिद्ध कर, उसका दंड देने के लिए, उनकी सेनाओं को मार्ग बताते हुए, स्वयं यहां तक ले आएंगे।...इतना ही नहीं युवराज, ये लोग आपको प्रासादों के पीछे छिपे रहने की कायरता सिखा रहे हैं। यह मत समझिए कि आप यहां छिपकर बैठ जाएंगे, तो सुरक्षित हो जाएंगे। राम और लक्ष्मण के बाण इन प्राचीरों के खंड-खंड कर देंगे...और तब देवी जानकी का अन्वेषण त्याग, मार्ग में छिपकर बैठ जाने का परिणाम सामने आएगा।...अब भी यदि आप यही चाहते हैं, तो क्षमा कीजिएगा, मैं, नील, तात जाम्बवान् तथा महाकपि सुहोत्र आपका साथ नहीं दे पाएंगे, क्योंकि मैं नहीं समझता कि इस दल के साथ हमें भेजकर वानरराज ने हमारे वध का षड्यंत्र रचा है। मैं समझता हूं कि हमें अपना योग्य; तथा  सामर्थ्यवान् साथी समझकर उन्होंने हमें एक आवश्यक और भरोसे का कार्य सौंपा है...।''

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. एक
  2. दो
  3. तीन
  4. चार
  5. पांच
  6. छः
  7. सात
  8. आठ
  9. नौ
  10. दस

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai