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अगला यथार्थ

हिमांशु जोशी

प्रकाशक : पेंग्इन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :258
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7147
आईएसबीएन :0-14-306194-1

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हिमांशु जोशी की हृदयस्पर्शी कहानियों का संग्रह...


“क्यों, क्या हुआ?” मैंने चौंकते हुए कहा।

"अभी मैंने अबीरा को फोन किया कि मैं आर्कटिक सर्किल के भी धुर उत्तर में नार्वे के अंतिम शहर ट्राम्सो से बोल रही हूं। चारों ओर बर्फ है। बड़ा विचित्र-सा आल्हादकारी वातावरण है."

"मैं अभी कह ही रही थी कि अबीरा चीख़ी, 'मम्मा, आप पगला गई हैं क्या? भूल गईं ! नार्वे जाते समय डॉक्टर हमीद ने क्या कहते हुए चेतावनी दी थी ! अब आप वहां से जिंदा नहीं लौटेंगी। मैं जानती थी, आप ऐसी भूल कर सकती हैं...। वह दहाड़ मारकर रो पड़ी थी।"

मैंने चिंतित स्वर में कहा, "अगर ऐसा था तो पहले तो तुम्हें यहां आना ही नहीं चाहिए था। आ भी गई थीं तो यहां से फोन नहीं करना चाहिए था। कल हास्ता से कर लेते या ईवन शायर से...।"

अपना लबादे जैसा मोटा ऊनी कोट मैंने जबरदस्ती तुम्हें ओढ़ा दिया।

थोड़ी ही देर में जहाज़ आया तो जैसे प्राण लौटे।

जहाज़ वातानुकूलित था। सब अर्द्ध-चेतन से सोफों पर लुढ़क पड़े। इंजीनियर से निवेदन किया कि कमरों का तापमान तुरंत थोड़ा और बढ़ा दें।

धीरे-धीरे पत्तों के हरे रंग बदलने लगे थे। वृक्ष, वन, पर्वत-सब में परिवर्तन आ रहा था। कुछ दिन पहले जो पहाड़ हरियाली से आच्छादित था, धीरे-धीरे वह पीले रंग में बदलने लगा। थोड़े ही दिनों में सारी प्रकृति लाल रंग में नहाई-सी लगने लगेगी।

फूलों की तरह पत्तियों को रंग बदलते देखना, स्वयं में एक अनुभव था। ट्राम्सो से ओस्लो लौटते समय इसका अहसास और भी अधिक गहराई से हुआ।

लौटने का वक्त शनैः-शनैः निकट आ रहा था। मात्र तीन दिन यहां और रहना था।

शाम को मुझे खोजती-खोजती तुम ‘रिक्रिएशन-रूम' में आईं, सॉरी, मेरा टिकट सोलह तारीख़ का कन्फर्म नहीं हो पाया। अब मुझे सत्रह की सुबह जाना पड़ेगा। पेरिस से काहिरा की फ्लाइट में भीड़ अधिक है...।”

यह 'गेरट-हाउस' तो केवल सोलह तक के लिए ही है। सोलह को सारा ख़ाली हो जाएगा...।” मैंने चिंतित स्वर में कहा, "क्या तुम अकेली रहोगी?

"शायद कोई और निकल आए, मेरी तरह। अभी मैंने दफ्तर में जाकर अपनी विवशता जतलाई। उन्होंने कहा कि एक दिन का किराया तुम्हें अपनी जेब से चुकाना होगा। मैं चुका दूंगी...।”

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    अनुक्रम

  1. कथा से कथा-यात्रा तक
  2. आयतें
  3. इस यात्रा में
  4. एक बार फिर
  5. सजा
  6. अगला यथार्थ
  7. अक्षांश
  8. आश्रय
  9. जो घटित हुआ
  10. पाषाण-गाथा
  11. इस बार बर्फ गिरा तो
  12. जलते हुए डैने
  13. एक सार्थक सच
  14. कुत्ता
  15. हत्यारे
  16. तपस्या
  17. स्मृतियाँ
  18. कांछा
  19. सागर तट के शहर

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