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‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टु साइको-अनालिसिस’ का पूर्ण और प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद
व्याख्यान
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स्वप्नों के उदाहरण और उनका विश्लेषण
आपको इस बात से निराश न होना चाहिए कि मैं आपके सामने किसी बढ़िया लम्बे
स्वप्न का अर्थ पेश करने के बजाय फिर स्वप्न-निर्वचनों के खण्ड पेश कर रहा
हूं। आप कहेंगे कि इतनी तैयारी करने के बाद हम निश्चित रूप से कोई बड़ा
स्वप्न पेश किए जाने की आशा करते हैं, और आप अपना यह निश्चित विश्वास प्रकट
करेंगे कि हज़ारों स्वप्नों का सफल निर्वचन कर लेने के बाद कुछ ऐसे स्पष्ट
उदाहरण बहुत पहले जमा हो गए होंगे जिनसे स्वप्नतन्त्र और स्वप्न-विचारों के
बारे में हमारे सब कथनों की सचाई प्रत्यक्ष सिद्ध की जा सके। बात ठीक है, पर
आपकी इस इच्छा को पूरा करने के रास्ते में बहुत-सी कठिनाइयां हैं।
प्रथम तो, मुझे यह स्वीकार करना होगा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं जिसने
स्वप्नों के निर्वचन को अपना मुख्य व्यवसाय बनाया हो। तो फिर, हम उनका
निर्वचन किन परिस्थितियों में किया करते हैं? कभी तो बिना किसी विशेष प्रयोजन
के हम किसी मित्र के स्वप्नों पर विचार करने लगते हैं, या मनोविश्लेषण-कार्य
के अभ्यास के लिए अपने ही स्वप्नों का अर्थ लगाते रहते हैं; परन्तु मुख्यतः
हमें उन स्नायुरोगियों के स्वप्नों का अर्थ लगाना होता है जो मनोविश्लेषण से
इलाज कराते हैं। इन रोगियों के स्वप्नों से बहुत अच्छी सामग्री मिलती है और
वे स्वस्थ व्यक्तियों के स्वप्नों से किसी भी तरह हीन नहीं होते, पर इलाज की
विधि के कारण हमें इलाज के प्रयोजन को मुख्य रखते हुए स्वप्न-निवर्चन को गौण
स्थान देना पड़ता है और उनमें हमें ज्यों ही इलाज के लिए कोई उपयोगी चीज़ मिल
जाती है त्यों ही बहुत सारे स्वप्नों का अर्थ लगाने की कोशिश छोड़ देनी पड़ती
है। इसके अलावा, इलाज के समय आने वाले बहुत सारे स्वप्नों का पूरी तरह अर्थ
नहीं लग पाता, क्योंकि उनका जन्म मन में. जो अभी हमें ज्ञात नहीं है. मौजद
प्रचर सामग्री से होता है। इसलिए इलाज पूरा होने से पहले उन्हें समझना सम्भव
नहीं। ऐसे स्वप्नों की पूरी कथा कही जाए तो स्नायुरोग के सारे रहस्य प्रकट
करने होंगे; ऐसा करना हमारे लिए सम्भव नहीं है, क्योंकि हमने स्नायुरोगों के
अध्ययन की तैयारी करने के लिए ही स्वप्नों की समस्या उठाई है :
अब मुझे आशा है कि आप खुशी से इस सामग्री को छोड़ देंगे, और स्वस्थ
व्यक्तियों के या शायद अपने ही स्वप्नों की व्याख्या सुनना पसन्द करेंगे। पर
इन स्वप्नों की वस्तु के कारण ऐसा होना असम्भव है। कोई आदमी अपने-आपको, या
अपने पर विश्वास करने वाले व्यक्ति को इतनी स्पष्टता से खोलकर नहीं रखेगा,
जितनी स्पष्टता से स्वप्न के पूरे निर्वचन के लिए उसे खोलकर रखना आवश्यक है;
क्योंकि, जैसा कि आप पहले ही जानते हैं, उनका सम्बन्ध व्यक्तित्व के सबसे
अधिक घनिष्ठ अंशों से होता है। स्वप्न सुनाने में उसकी कथावस्तु के कारण होने
वाली कठिनाई के अलावा एक और भी कठिनाई है। आप जानते हैं कि स्वप्न स्वयं
स्वप्नद्रष्टा को अपरिचित और अजीब मालूम होता है। जिस बाहरी व्यक्ति को उसके
व्यक्तित्व का पता नहीं, उसे तो यह और भी अजीब लगेगा। मनोविश्लेषण के साहित्य
में अच्छे और विस्तृत स्वप्न-विश्लेषणों की कमी नहीं है। स्वयं मैंने कुछ ऐसे
विश्लेषण प्रकाशित किए हैं जो रोगियों के इतिहास के अंश थे। स्वप्न-निर्वचन
का शायद सबसे अच्छा उदाहरण वह है जो ओ० रैक ने प्रकाशित किया है, जिसमें एक
नौजवान लड़की के परस्पर सम्बन्धित दो स्वप्नों का विश्लेषण है। यह छपे हुए
लगभग दो पृष्ठों पर है, पर इसका विश्लेषण 76 पृष्ठों में है। इतने बड़े काम
के लिए तो प्रायः एक पूरा सूत्र चाहिए। यदि हम कुछ लम्बे और काफी विपर्यस्त
स्वप्न छांट लेते तो हमें इतनी सारी व्याख्याओं में जाना पड़ता, साहचर्यों और
स्मृतियों के रूप में इतनी सारी सामग्री पेश करनी पड़ती, और इतने अधिक नये
प्रसंगों में जाना पड़ता कि एक व्याख्यान इसके लिए बिलकुल अपर्याप्त रहता, और
आपको इस सारे स्वप्न का कुछ भी अन्दाज़ न होता। इसलिए यदि मैं कम कठिनाई वाला
रास्ता पकड़ और स्नायुरोगियों के स्वप्नों के कुछ खण्ड आपके सामने पेश करूं,
जिनमें कोई एक या दूसरी विशेषता पहचानी जा सके, तो आपको सन्तुष्ट हो जाना
चाहिए। पेश करने के लिए प्रतीक सबसे आसान चीज़ हैं और उनके बाद
स्वप्न-निर्वचन के प्रतिगामी स्वरूप की कुछ विशेषताओं का नम्बर है। मैं आपको
यह बताऊंगा कि नीचे दिए गए स्वप्नों में से प्रत्येक स्वप्न को मैं क्यों
सुनाने योग्य समझता हूं।
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