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‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टु साइको-अनालिसिस’ का पूर्ण और प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद
7. अब मैं आपको एक और स्वप्न बताऊंगा। उसकी व्याख्या भी प्रतीकों के द्वारा
ही की जाएगी। इसके अलावा, यह स्वप्न इस दृष्टि से अधिक ध्यान देने योग्य और
विश्वास पैदा करने वाला है कि स्वप्नद्रष्टा ने स्वयं सब प्रतीकों का अनुवाद
कर दिया, यद्यपि उसे निर्वचन के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। ऐसी
परिस्थिति बहुत कम होती है, और हम ठीक-ठीक नहीं समझ सकते कि यह किन अवस्थाओं
में होती है।
वह अपने पिता के साथ एक स्थान पर घूम रहा था जो प्रेटर (वियेना का मुख्य
पार्क) ही होगा, क्योंकि उन्होंने गोलघर और उसके सामने एक छोटा मकान देखा,
जिस पर एक गुब्बारा कैद था जो सुस्त मालूम होता था। उसके पिता ने उससे पूछा
कि यह सब किसलिए है। पुत्र को उसके पूछने पर आश्चर्य हुआ, पर फिर भी उसने कुछ
स्पष्टीकरण किया। इसके बाद वे एक आंगन में आए। धातु की एक बड़ी चादर फैली हुई
थी। उसका पिता उसमें से एक बड़ा टुकड़ा काट लेना चाहता था, पर उसने पहले
चारों तरफ देखा कि मुझे कोई देख तो नहीं रहा। उसने अपने पत्र से कहा कि
तम्हें सिर्फ ओवरसीयर से कहने-भर की ज़रूरत है, और फिर उसके बाद तुम इसे
योंही ले जा सकते हो। इस आंगन से कुछ सीढ़ियां नीचे एक डण्डे की ओर जाती थीं।
इस डण्डे के पारों पर कोई नरम वस्तु लगी हुई थी, जैसे यह चमड़े की आरामकुर्सी
हो।
इस डण्डे के नीचे एक लम्बा चबूतरा, और इससे परे एक और डण्डा था।
स्वप्नद्रष्टा ने इसका स्वयं यह अर्थ बताया, 'गोलघर मेरी जननेन्द्रियों का
प्रतीक है और इसके सामने वाला कैदी गुब्बारा शिश्न का प्रतीक है जिसके ढीला
या नरम होने की मुझे शिकायत है।' उसका अधिक विस्तृत अनुवाद इस प्रकार होगा :
गोलघर नितम्बों का प्रतीक है (जिसे बच्चे सदा जननेन्द्रियों में शामिल करते
हैं) और सामने का छोटा मकान अण्डकोष है। स्वप्न में उसका पिता उससे पूछता है
कि यह सब क्या है, अर्थात् जननेन्द्रियों का प्रयोजन और कार्य क्या है? इस
स्थिति को अपवृत्त, अर्थात उलटा करना, जिससे यह हो कि पत्र सवाल पूछे, सीधी
बात है, और ये सवाल असल में कभी नहीं पूछे गए; इसलिए हमें स्वप्न-विचारों को
या तो अभिलाषा मानना चाहिए और या उन्हें इस तरह सशर्त अर्थ में लेना चाहिए,
'यदि मैं अपने पिता से इसकी व्याख्या करने के लिए कहता...' इस विचार का बाद
का हिस्सा हम अभी देखेंगे।
जिस आंगन में धातु की चादर पड़ी है, उसकी प्रतीकों द्वारा व्याख्या नहीं करनी
है, बल्कि वह पिता के कारबार के स्थान का निर्देश है। समझदारी के ख्याल से
मैंने उसकी बताई हुई असली चीज़ की जगह धातु की चादर कर दी है, पर इसके अलावा,
स्वप्न के शब्दों में मैंने कोई परिवर्तन नहीं किया। स्वप्नद्रष्टा अपने पिता
के कारबार में शामिल हआ था और जिन बहत आपत्तिजनक कार्यों पर अधिक लाभ का
दारोमदार था, उनसे बहुत लज्जित हुआ था। इसलिए इस स्वप्न-विचार का ऊपर
निर्दिष्ट पिछला अंश इस प्रकार होगा, ‘(यदि मैं उससे पूछता तो) वह मुझे भी
वैसे ही धोखा देता, जैसे अपने ग्राहकों को देता है।' स्वप्नद्रष्टा धातु का
टुकड़ा तोड़ने की, जो व्यापार की बेईमानी का प्रतीक है, एक दूसरी व्याख्या
पेश करता है। वह कहता है कि इसका अर्थ है हस्त-मैथुन1 का कार्य। यह व्याख्या
न केवल हमारी पूर्वपरिचित है, बल्कि इस निवर्चन के भी अनुसार है कि
हस्त-मैथुन के गुप्त कार्य को उलटे विचार ('हम इसे खुलेआम कर सकते हैं।')
द्वारा प्रकट किया जाए। इस प्रकार यह तथ्य किं हस्त-मैथुन का आरोप पिता पर
लगाया जाए, जैसे कि स्वप्न के पहले दृश्य में पूछने को उसके साथ जोड़ा गया
था, ठीक वैसा है जैसा कि हमें आशा करनी चाहिए थी। स्वप्नद्रष्टा ने दीवारों
के मुलायम स्पर्श के कारण डण्डे का अर्थ तुरन्त योनि बताया और मैं अपनी ओर से
यह कहता हूं कि ऊपर जाना तथा नीचे आना मैथुनकार्य या सम्भोग का सूचक है।
पहले डण्डे के नीचे और दूसरे डण्डे के परली ओर वाले लम्बे चबूतरे की व्याख्या
स्वप्नद्रष्टा ने अपने इतिहास से स्वयं की। वह कुछ समय सम्भोग करता रहा था और
इसके बाद निरोधों के कारण उसने इसे छोड़ दिया था, पर इलाज कराकर वह फिर इसे
करने योग्य बनने की आशा करता था।
8. नीचे मैं दो ऐसे स्वप्न पेश करता हूं जो उल्लेखनीय बहुपत्नी-प्रवृत्तियों
वाले एक विदेशी को आए थे, क्योंकि उनसे इस कथन का स्पष्टीकरण हो सकता है कि
प्रत्येक स्वप्नद्रष्टा का अपना व्यक्तित्व मौजूद होता है, चाहे वह व्यक्त
वस्तु में छिपा हुआ ही क्यों न हो। स्वप्नों में सन्दूक स्त्री-प्रतीक हैं।
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1. Masturbation
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