जीवनी/आत्मकथा >> बसेरे से दूर बसेरे से दूरहरिवंशराय बच्चन
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आत्म-चित्रण का तीसरा खंड, ‘बसेरे से दूर’। बच्चन की यह कृति आत्मकथा साहित्य की चरम परिणति है और इसकी गणना कालजयी रचनाओं में की जाती है।
काउण्टी स्लाइगो का चप्पा-चप्पा उनका जाना-पहचाना, वहाँ के कितने परिवारों का इतिहास उनकी आँखों के आगे घटित, उनकी स्मृति में टंकित। उनकी ज़बान का घोड़ा जो छूटा तो भूसे-दाने की आवश्यकता पड़ने पर ही रुका, यानी लंच टाइम पर।
'स्लाइगो बहुत बड़ी जगह नहीं है, पर बहुत खूबसूरत, कार्लाइल तक ने इसकी तारीफ की है (जैसे कार्लाइल बड़ी मुश्किल से किसी जगह की तारीफ करते हों) उनकी 'फ्रेंच रेवोल्यूशन' तो आपने पढ़ी होगी? यहाँ आपका स्वागत।
यहाँ बहुत-से अमरीकन आते हैं The Lake Isle of Innisfree (दि लेक आइल आफ इनिसफ्री) देखने। लूगिल झील में है। यहाँ से दक्षिण बस दो मील पर। एक मील और आगे 'डूनी राक' है। ईट्स की एक कविता है The Fiddler of Doony (दि फिड्लर आफ डूनी)। कविता इसी राक से सम्बद्ध है। वह भी देखने की चीज़ है। आप तो अभी जवान हैं, पैदल जायें। मैं अस्सी का हूँ, फिर भी दस मील रोज़ चलता हूँ। कई द्वीप हैं, किसी-किसी पर पुराने गिरजों के खण्डरात हैं, पहले वहाँ किश्तियाँ जाती थीं, अब तो मोटरबोट मिलती है। किसी ज़माने में लूगिल पर रईसों की अपनी-अपनी किश्तियाँ होती थी, हेन के पिता की किश्ती पर हम लोग कितनी बार लूगिल पर घूमे हैं। ईट्स किसी द्वीप के खण्डहर में अपने नये धर्म (cult) का मन्दिर स्थापित करना चाहते थे, ऊँचे ख्वाबों के आदमी थे। इस जगह को अमर कर गये। नहीं कौन इसे जानता! यहाँ से उत्तर पाँच मील पर ड्रमक्लिफ़ है। ईट्स ने वसीयत की थी कि उन्हें इसी जगह पर दफनाया जाये। वे यहाँ की मिट्टी को कितना प्यार करते थे, इसकी हर जगह, हर चीज़ को उन्होंने अपनी कविता में स्थान दिया। आप डुमक्लिफ ज़रूर जाइये। सुबह एक बस जाती है, एक शाम को। ईट्स के नाना वहाँ के गिरजे के पादरी थे। हेन के दादा की यहाँ बड़ी जायदाद था,सेब के खुशनुमा आचडे थे, पता नहीं वे सब कुछ बच-बाचकर इंग्लैण्ड क्यों जा बसे? उनका लड़का आजकल कहाँ है? वह एक बार इधर आया था, कहता था, वह फिर यहीं आकर घर बसायेगा। मिट्टी-मिट्टी को खींचती है। आपको समुद्री किनारों से प्रेम है? स्लाइगो के कई समुद्री किनारे बहुत सुन्दर हैं। रासेज़ प्वाइन्ट तो नजदीक ही है, यहाँ से पच्छिम पाँच मील पर, दिन में कई बसें वहाँ जाती हैं। वहाँ स्लाइगो का सबसे अच्छा गाल्फ टर्फ है, मैं रोज़ वहाँ तक पैदल जाकर गाल्फ खेलता हूँ, मौसम अच्छा हुआ तो पैदल ही लौटता हूँ। खेल के दौरान जो चलता हूँ, वह अलग। रासेज़ प्वाइन्ट पर ईट्स के नाम पर 'ईट्स कन्ट्री होटल' है। शनिवार को गाल्फ खेलने के बाद मैं स्लाइगो नहीं लौटता। 'ईट्स कन्ट्री होटल' में ठहर जाता हैं. इतवार को वहीं रहता है। सोमवार को गाल्फ खेलकर स्लाइगो आता हूँ। हर वीकएण्ड के लिए मेरे नाम वहाँ एक कमरा सुरक्षित रहता है। ईट्स का छोटा भाई चित्रकार था। उसने रासेज़ प्वाइन्ट की एक पेंटिंग की थी। असली कापी 'ईट्स कन्ट्री होटल' में अब भी लगी है। स्लाइगो और उसके आसपास को हम लोग ईट्स कन्ट्री कहते हैं। आप कितने दिन यहाँ हैं? 'ईट्स कन्ट्री' को जितना देख सकिये, देख लीजिये। पैदल घूमकर देखिये तो सबसे अच्छा। ईट्स न जाने यहाँ कितना पैदल घूमे होंगे। पैदल चलकर देखना किसी नयी जगह को देखने का सबसे अच्छा तरीका है। चलते-चलते इस भूमि की सुगन्ध लें। यहाँ के जलाशयों की लहरियों को कलकल-छल-छल, यहाँ के पशु-पक्षियों का स्वर सुनें। यहाँ के पेड़-पौधों की रंगीनी देखें। फिर कभी आप ईट्स की कविताएँ पढ़ेंगे तो आपको पता लगेगा कि इसकी कितनी चेतना अपने मन में बसाकर ईट्स ने अपनी कलम चलाई है। ईट्स प्रकृति के कवि नहीं हैं, जैसे वर्ड्सवर्थ थे, पर प्रकृति का संस्पर्श वे कभी भूलते नहीं। वे सस्ते मानों में राष्ट्रकवि भी नहीं हैं। पर राष्ट्र की मिट्टी, पानी, हवा उनकी कविता की पृष्ठभूमि में सदा अपनी उपस्थिति का आभास देती है।'...
बीच-बीच में ऐन्डरसन की एकाध बातों का जवाब देने के अतिरिक्त वे जो कहते रहे, मैं उसकी हुँकारी भरता रहा। लौटा तो लगा निर्जीव पृष्ठों पर ईट्स की आलोचना पढने से यह कितना भिन्न अनभव था! किसी कवि का सच्चा महत्त्व समालोचना-ग्रन्थों में नहीं लिखा जाता, वह अंकित किया जाता है-उसके प्रेमियों के हृदयपटल पर।...
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