नई पुस्तकें
|
हार जीतसुरेन्द्र मोहन पाठक
मूल्य: $ 8.95 |
|
हीरा फेरीसुरेन्द्र मोहन पाठक
मूल्य: $ 8.95
अपराध और रहस्य से भरी कहानियों के प्रसिद्ध लेखक की एक और मनोरंजक कृति। आगे... |
|
इंसाफ दोसुरेन्द्र मोहन पाठक
मूल्य: $ 7.95 |
|
कर्मयोद्धासुरेन्द्र मोहन पाठक
मूल्य: $ 8.95 |
|
कथा समयविजयमोहन सिंह
मूल्य: $ 9.95
कथा समय अगर किसी रचना की कसौटी है, तो आलोचना की कसौटी भी वही है। कालबद्ध होकर ही ये दोनों कालजयी हो पाती हैं। लेकिन आलोचना-कर्म की एक कसौटी यह भी है कि अपने समय के रचना-कर्म को वह खुली आँखों से देखे और पूर्वग्रहमुक्त होकर उसकी पड़ताल करे। आगे... |
|
नहर में बहती लाशेंराजू शर्मा
मूल्य: $ 15.95
। अपनी कहानियों से राजू शर्मा ने जो ख्याति अर्जित की है, उसे कई अर्थों में खास कहा जा सकता है। वे एक ऐसे रचनाकार हैं जो प्रचलित परिपाटियों, मुहावरों, आशयों और सुविधाओं से वीतराग दूरी बनाते हुए अभिव्यक्ति के बेपहचाने बीहड़ रास्ते तलाश करते हैं। आगे... |
|
पलटवारसुरेन्द्र मोहन पाठक
मूल्य: $ 8.95 |
|
शेरपुर 15 मीलविजयमोहन सिंह
मूल्य: $ 8.95
‘शेरपुर 15 मील की कथायात्रा फत लम्बी है-वह महज 15 मील नहीं है। एक कहानीकार के रूप में विजयमोहन सिंह किसी मुख्य धारा में शामिल नहीं रहे-न नई कहानी की, न साठोतरी कहानी की। वे किसी विचारधारा विशेष के जयघोषों के अश्वारोही भी नहीं रहे और न आधुनिकता से आक्रांत, प्रायः उसकी प्रतिकृतियाँ रचनेवाले कथाकारों से प्रभावित। उन्होंने प्रारम्भ से ही अपना निजी शिल्प तथा कथा-भाषा निर्मित की। आगे... |
|
सोच बदलो जिंदगी बदलोब्रायन ट्रेसी
मूल्य: $ 12.95 |
|
विमल सीरीज कैसे बनीसुरेन्द्र मोहन पाठक
मूल्य: $ 8.95
जुड़िये फिर विमल के विस्फोटर संसार से। मिलिए फिर सुरेन्द्र मोहन पाठक के जबरदस्त किरदार से। आगे... |
|
बीसवीं शताब्दी का हिन्दी साहित्य (अजिल्द)विजयमोहन सिंह
मूल्य: $ 6.95
लगभग ढाई सौ पृष्ठों के अपने सीमित आकार में, एक पूरी सदी के साहित्य की पड़ताल करने वाली यह एक ऐसी किताब है, जिसे एक सर्जक-आलोचक के सुदीर्घ अध्ययन तथा मनन का परिपाक कहा जा सकता है। आगे... |
|
दस्तंबूअब्दुल बिस्मिल्लाह
मूल्य: $ 12.95
यह रूदाद उन्होंने लगभग डायरी की शक्ल में प्रस्तुत की है और फारसी भाषा में लिखी गई इस छोटी-सी पुस्तिका का नाम है-दस्तंबू ! फारसी भाषा में ‘दस्तंबू’ शब्द का अर्थ है पुष्पगुच्छ, अर्थात बुके (Bouquet)। अपनी इस छोटी-सी किताब ‘दस्तंबू’ में ग़ालिब ने 11 मई, 1857 से 31 जुलाई, 1857 तक की हलचलों का कवित्वमय वर्णन किया है। आगे... |
|
दयारे हयात मेंकुमार नयन
मूल्य: $ 14.95
गजलें इश्को-मुहब्बत से सराबोर हैं तो हालाते-हाजरा की मंजरकशी करती हुई अवाम की दुखती रंगों को छूती भी हैं। अपने वक़्त और समाज के तकाजों को पूरा करती हुई नाइंसाफी, जुल्मो-सितम, बंदिशों के खिलाफ चुप्पी तोड़ने की शाइस्तगी से तरफदारी भी करती हैं। आगे... |
|
देखणीभालचन्द्र नेमाड़े
मूल्य: $ 12.95
इस संग्रह में एक वरदान माँगा गया है : कि जि़न्दगी का रमणीय सतरंगी बुलबुला व्यर्थ न हो, कि दरख्तों से झाँकता रोशन सूर्य अस्त न हो, विनाश तत्त्व के झपट्टे में भी भूमिकी उग्रगन्धी धूल गमकती रहे और जीने का समृद्ध कबाड़ पूरे घर भर में जमा होता रहे। इन सभी सचेतन बिम्बों में जिजीविषा का स्रोत उफन-उफनकर बहता है। आगे... |
|
एक पेड़ छतनारदिनेश कुमार शुक्ल
मूल्य: $ 12.95
उनकी कविता समय की समूची दुखान्तिकी से परिचित है, उस पूरे अवसाद से भी जिसे समय ने अपनी उपलब्धि के रूप में अर्जित किया है, लेकिन वह उम्मीद की अपनी ज़मीन नहीं छोड़ती। कारण शायद यह है कि जन-जीवन, लोक-अनुभव और भाषा के भीतर निबद्ध जनसामान्य के मन की ताकत की एक बड़ी पूँजी उनके पास है। आगे... |