लोगों की राय

जैन साहित्य

इन क्वेस्ट ऑफ सेल्फ

मुनि क्षमासागर

मूल्य: Rs. 125

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माइ रिमेनेसेन्ट सोल

वीरेन्द्र कुमार जैन

मूल्य: Rs. 125

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त्रिभंगी सार (मूल, हिन्दी, अँग्रेजी)

तारण स्वामी

मूल्य: Rs. 120

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समयसार

आचार्य कुन्दकुन्द

मूल्य: Rs. 450

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आप्त-मीमांसा

आचार्य सामन्तभद्र

मूल्य: Rs. 150

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पाहुडदोहा (अपभ्रंश का रहस्यवादी काव्य)

मुनि रामसिंह

मूल्य: Rs. 160

भारतीय अध्यात्म की प्राचीनतम परम्परा में भावात्मक अभिव्यंजना को अभिव्यक्त करने वाला एक विशुद्ध रहस्यवादी काव्य.   आगे...

जैन दर्शन में नयवाद

सुखनन्दन जैन

मूल्य: Rs. 225

भारतीय दर्शन के क्षेत्र में 'नयवाद' जैनाचार्यों की एक मौलिक देन है.   आगे...

जैन पूजा काव्य (एक चिन्तन)

दयाचन्द

मूल्य: Rs. 160

भारतीय दर्शन और न्याय के अध्येता इस बात से अच्छी तरह परिचित है कि प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत में जैन न्यायशास्त्रियों ने हिन्दू एवं बौद्ध न्यायशास्त्रियों के साथ वादानुवाद में जमकर भाग लिया है.   आगे...

नयचक (णयचक्को) (प्राकृत, हिन्दी)

माइल्ल धवल

मूल्य: Rs. 150

प्रस्तुत ग्रन्थ 'णयचक्को' आचार्य माइल्लधवल की एक श्रेष्ठ एवं अति महत्त्वपूर्ण रचना है.   आगे...

गोम्मटसार, कर्मकाण्ड (द्वितीय भाग)

आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती

मूल्य: Rs. 430

जैन धर्म के जीवतत्त्व और कर्मसिद्धान्त की विस्तार से व्याख्या करने वाला महान ग्रन्थ है 'गोम्मटसार'.   आगे...

पज्जुण्णचरिउ (प्रद्युम्नचरित) (अपभ्रंश, हिन्दी)

महाकवि सिंह

मूल्य: Rs. 300

तेरहवीं शती की उत्तर-मध्यकालीन काव्य-विद्या में महाकवि सिंह कृत अपभ्रंश महाकाव्य 'पज्जुण्णचरिउ' (प्रद्युम्नचरित) भारतीय भाषा-साहित्य की एक महान कृति है.   आगे...

रिट्ठणेमिचरिउ (यादवकाण्ड) (अपभ्रंश, हिन्दी)

देवेन्द्र कुमार जैन

मूल्य: Rs. 40

स्वयंभूदेव (आठवीं शताब्दी) अपभ्रंश के आदिकवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं. इनकी दो प्रमुख रचनाएँ हैं--'पउमचरिउ' और 'रिट्ठाणेमीचरिउ' जो क्रमशः रामकथा तथा कृष्णकथापरक हैं.   आगे...

जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश भाग-5 (शब्दानुक्रमणिका)

जिनेन्द्र वर्णी

मूल्य: Rs. 200

जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश' शब्द-कोश तथा विश्व-कोशों की परम्परा में एक अपूर्व एवं विशिष्ट कृति है.   आगे...

जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश भाग-4

जिनेन्द्र वर्णी

मूल्य: Rs. 250

जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश' शब्द-कोश तथा विश्व-कोशों की परम्परा में एक अपूर्व एवं विशिष्ट कृति है.   आगे...

पद्मपुराण (संस्कृत, हिन्दी) 3

आचार्य रविषेण

मूल्य: Rs. 280

जैन परम्परा में मर्यादापुरुषोत्तम राम की मान्यता त्रेसठ शलाकापुरुषों में है.   आगे...

पद्मपुराण (संस्कृत, हिन्दी) 2

आचार्य रविषेण

मूल्य: Rs. 300

जैन परम्परा में मर्यादापुरुषोत्तम राम की मान्यता त्रेसठ शलाकापुरुषों में है.   आगे...

पंचास्तिकायसंग्रह (प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी)

आचार्य कुन्दकुन्द

मूल्य: Rs. 175

जिनागम की आनुपूर्वी में आचार्य कुन्दकुन्द प्रस्थापक आचार्य के रूप में दो हज़ार वर्षों से निरन्तर विश्रुत रहे हैं.   आगे...

षड्दर्शनसमुच्चय (संस्कृत, हिन्दी)

हरिभद्र सूरि

मूल्य: Rs. 250

आचार्य हरिभद्र सूरि कृत 'षड्दर्शनसमुच्चय' छह प्राचीन भारतीय दर्शनों (बौद्ध, नैयायिक, सांख्य, जैन, वैशेषिक तथा जैमिनीय) का प्रामाणिक विवरण देने वाला प्राचीनतम उपलब्ध संग्रह है.

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वीरवर्धमानचरित (संस्कृत, हिन्दी)

सकल कीर्ति

मूल्य: Rs. 250

भट्टारक सकलकीर्ति विरचित 'वीरवर्धमानचरित' पन्द्रवीं शती का संस्कृत काव्य-ग्रन्थ है.   आगे...

योगसार-प्राभृत (संस्कृत, हिन्दी)

आचार्य अमितगति

मूल्य: Rs. 300

पाहुड-ग्रंथों की परम्परा में दसवीं शताब्दी के प्रसिद्ध आचार्य अमितगति ने एक श्रेष्ठ शास्त्र की रचना की, जिसका नाम 'योगसागर-प्राभृत' है.

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तत्त्वार्थराजवार्तिक (द्वितीय भाग) (संस्कृत, हिन्दी)

भट्ट अकलंक

मूल्य: Rs. 250

उमास्वामी कृत 'तत्त्वार्थसूत्र' के प्रत्येक सूत्र पर वार्तिक रूप में व्याख्या किये जाने के कारण इस महाग्रन्थ को 'तत्त्वार्थवार्तिक' कहा गया है.   आगे...

तत्त्वार्थराजवार्तिक (प्रथम भाग) (संस्कृत, हिन्दी)

भट्ट अकलंक

मूल्य: Rs. 200

उमास्वामी कृत 'तत्त्वार्थसूत्र' के प्रत्येक सूत्र पर वार्तिक रूप में व्याख्या किये जाने के कारण इस महाग्रन्थ को 'तत्त्वार्थवार्तिक' कहा गया है.   आगे...

न्यायविनिश्चयविवरण (संस्कृत) भाग-2

वादिराज सूरि

मूल्य: Rs. 200

'न्यायविनिश्चय' में अकलंकदेव ने जिन तीन प्रस्तावों-- प्रत्यक्ष, अनुमान और प्रवचन में जैन न्याय के सिद्धान्तों का गम्भीर और ओजस्वी भाषा में प्रतिपादन किया है,   आगे...

मूकमाटी-मीमांसा (बृहत् ग्रन्थ, तृतीय खंड)

आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी, प्रभाकर माचवे

मूल्य: Rs. 450

'मूकमाटी-मीमांसा' में समीक्षकों ने प्रयास किया है कि आलोच्य ग्रन्थ का कथ्य उभरकर पाठकों के समक्ष स्पष्ट रूप से आ जाये.   आगे...

मूकमाटी-मीमांसा (बृहत् ग्रन्थ, द्वितीय खंड)

आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी, प्रभाकर माचवे

मूल्य: Rs. 450

'मूकमाटी-मीमांसा' में समीक्षकों ने प्रयास किया है कि आलोच्य ग्रन्थ का कथ्य उभरकर पाठकों के समक्ष स्पष्ट रूप से आ जाये.   आगे...

तत्त्वार्थवृत्ति (संस्कृत, हिन्दी)

श्रुतसागर सूरि

मूल्य: Rs. 300

जैन आगम में लोकप्रिय आचार्य उमास्वामी (प्रथम शताब्दी ईस्वी) के ग्रन्थ 'तत्त्वार्थाधिगमसूत्र' को संक्षेप में 'तत्त्वार्थसूत्र' और दूसरे शब्दों में 'मोक्षशास्त्र' कहते हैं.   आगे...

गोम्मटसार, जीवकाण्ड (द्वितीय भाग)

आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती

मूल्य: Rs. 225

जैन धर्म के जीवतत्त्व और कर्मसिद्धान्त की विस्तार से व्याख्या करने वाला महान ग्रन्थ है 'गोम्मटसार'.   आगे...

गोम्मटसार, जीवकाण्ड (प्रथम भाग)

आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती

मूल्य: Rs. 250

जैन धर्म के जीवतत्त्व और कर्मसिद्धान्त की विस्तार से व्याख्या करने वाला महान ग्रन्थ है 'गोम्मटसार'.   आगे...

गोम्मटसार, कर्मकाण्ड (प्रथम भाग)

आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती

मूल्य: Rs. 300

जैन धर्म के जीवतत्त्व और कर्मसिद्धान्त की विस्तार से व्याख्या करने वाला महान ग्रन्थ है 'गोम्मटसार'.   आगे...

न्यायविनिश्चयविवरण (संस्कृत) भाग-1

वादिराज सूरि

मूल्य: Rs. 300

'न्यायविनिश्चय' में अकलंकदेव ने जिन तीन प्रस्तावों-- प्रत्यक्ष, अनुमान और प्रवचन में जैन न्याय के सिद्धान्तों का गम्भीर और ओजस्वी भाषा में प्रतिपादन किया है,   आगे...

मूलाचार (प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी) भाग-2

आचार्य वट्टकेर

मूल्य: Rs. 200

मूलाचार सबसे प्राचीन लगभग दो हजार वर्ष पूर्व रचा गया ग्रन्थ है   आगे...

मूलाचार (प्राकृत, संस्कृत, हिन्दी) भाग-1

आचार्य वट्टकेर

मूल्य: Rs. 300

मूलाचार सबसे प्राचीन लगभग दो हजार वर्ष पूर्व रचा गया ग्रन्थ है   आगे...

सावयपन्नती (श्रावकप्रज्ञप्ति) मूल

हरिभद्र सूरि

मूल्य: Rs. 90

आचार्य हरिभद्रसूरि ने ४०१ गाथाओं में प्राकृत भाषा में निबद्ध इस 'सावयपन्नती (श्रावकप्रज्ञप्ति)' श्रावकाचार ग्रन्थ की रचना की.   आगे...

समराइच्चकहा (प्राकृत गद्य, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद) भाग 2

हरिभद्र सूरि

मूल्य: Rs. 140

प्रचलित भाषा में इसे नायक और प्रतिनायक के बीच जन्म-जन्मान्तरों के जीवन-संघर्षों की कथा का वर्णन करने वाला प्राकृत का एक महान उपन्यास कहा जा सकता है.   आगे...

समराइच्चकहा (प्राकृत गद्य, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद) भाग 1

हरिभद्र सूरि

मूल्य: Rs. 140

प्रचलित भाषा में इसे नायक और प्रतिनायक के बीच जन्म-जन्मान्तरों के जीवन-संघर्षों की कथा का वर्णन करने वाला प्राकृत का एक महान उपन्यास कहा जा सकता है.   आगे...

यशोधरचरित की सचित्र पाण्डुलिपियाँ

कमला गर्ग

मूल्य: Rs. 75

विभिन्न आचार्यों द्वारा विरचित तथा जैन पुराण-कथा पर आधारित 'यशोधरचरित' की पन्द्रहवीं से अठारहवीं शती तक की अद्यावधि उपलब्ध   आगे...

अम्बिका इन जैन लिटरेचर

मारुति नंदन प्रसाद तिवारी

मूल्य: Rs. 100

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पंचास्तिकाय-सार

आचार्य कुन्दकुन्द

मूल्य: Rs. 250

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मूक माटी

आचार्य विद्यासागर

मूल्य: Rs. 480

धर्म-दर्शन एवं अध्यात्म केसार को आज की भाषा एवं मुक्त-छन्द की मनोरम काव्य-शैली में निबद्ध कर कविता-रचना को नया आयाम देने वाली एक अनुपम कृति

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