उपन्यास >> अंधकार अंधकारगुरुदत्त
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गुरुदत्त का सामाजिक उपन्यास
''मैं समझा नहीं। इस कारण मन्त्री महोदय का मुख देखने लगा। वह मेरा आशय समझ बताने लगे, "सुना है कि किसी बहुत ही धनी बाप का बेटा है और प्रथम श्रेणी का मूर्ख है। नाम है प्रकाशचन्द्र और राम नाम जपता हुआ निर्वाचन जीत आया है।''
"ओह!'' मैंने पूछ लिया, "आप प्रकाशचन्द्र अग्रवाल की बात कर रहे हैं?''
''हां। उससे कभी मिले हो ?''
''हेंने कहा, "जी नहीं।''
''इस पर वह बोले, "उससे मिलो और देखो, हम एक दैनिक समाचार-पत्र चलाने वाले हैं। उसे कहो कि वह कम से कम पांच लाख के हिस्से खरीद ले।"
प्रकाश के मन में प्रकाश होने लगा और उसने मुस्कराते हुए पूछ लिया, ''और आप एक मूर्ख को दोहने के लिये नियुक्त कर दिये गये हैं?''
''ही, नियुक्त तो कर दिया गया हूँ। परन्तु मैं आपको दोहना नहीं चाहता। इसी कारण सब बात बता रहा हूँ।"
''धन्यवाद!"
इस समय एक लड़की ट्रे में चाय सजाये हुए आ गयी। उसने मुस्कराते हुए प्रकाशचन्द्र की ओर देखा और ट्रे सामने तिपाई पर रख दी। वह स्वयं एक कुर्सी ले मेज की दूसरी ओर बैठ गयी।
इस समय चतुर्भुज ज ने परिचय करा दिया, "यह मेरी लड़की है सुनीता। एम0 ए0 पास कर चुकी है और अब डाक्टरेट के लिये तैयारी कर रही है।"
सुनीता दोनों के लिये चाय बनाने लगी। चतुर्भुज ने अपनी बात जारी रखी। उसने कहा, ''मैं नहीं चाहता कि आप पांच लारव रुपये फोकट में इस समाचार-पत्र में फूंक दें।
''मेरी योजना यह है कि आप अपने किसी मित्र को तैयार करें और मैं आपको मिलिटरी में किसी वस्तु की सप्लाई का इतना बड़ा काम दिला सकता हूँ कि उसमें आठ-दस लाख का लाभ हो जाये। उसमें से पांच लाख आप मिनिस्टर साहब को दे दें और एक लाख मुझे। शेष जो बचे वह आपका।
''बताइये, है न एक चोट से दो शिकार?"
''परन्तु चतुर्भुज साहब! यह मूर्ख उस व्यापार में घाटा भी तो उठा सकता है?"
''यह कैसे होगा? आप अनुभवी व्यापारी हैं। आप टैण्डर ऐसा दीजिये कि आपको घाटे की सम्भावना ही न हो।''
''परन्तु वह टैण्डर स्वीफार हो सकेगा क्या?''
''इसी का तो मैं एक लाख मांगता हूं।''
''बात तो ठीक है, परन्तु इसमें कोई विश्वस्त व्यक्ति ढूंढना पड़ेगा और पूंजी भी तो ढूंढनी होगी।''
''यह सब मैं आप पर छोड़ सकता हूं।''
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- प्रथम परिच्छेद
- : 2 :
- : 3 :
- : 4 :
- : 5 :
- : 6 :
- : 7 :
- : 8 :
- : 9 :
- : 10 :
- : 11 :
- द्वितीय परिच्छेद
- : 2 :
- : 3 :
- : 4 :
- : 5 :
- : 6 :
- : 7 :
- : 8 :
- : 9 :
- : 10 :
- तृतीय परिच्छेद
- : 2 :
- : 3 :
- : 4 :
- : 5 :
- : 6 :
- : 7 :
- : 8 :
- : 9 :
- : 10 :
- चतुर्थ परिच्छेद
- : 2 :
- : 3 :
- : 4 :
- : 5 :
- : 6 :
- : 7 :
- : 8 :
- : 9 :
- : 10 :